बॉलीवुड के बेहतरीन कोरियोग्राफर का जिक्र होगा, तो उसमें सरोज खान का नाम जरूर शामिल होगा। भले ही अब वह इस दुनिया में नहीं हो, लेकिन उनके फैंस उन्हें आज भी उतना ही मिस करते हैं। सरोज खान ने बी-टाउन के बहुत से स्टार्स को डांस सिखाया। उन्होंने अपनी प्रोफेशनल लाइफ में जितनी सफलता हासिल की, उतनी ही मुश्किल उनकी पर्सनल लाइफ रही।
कोरियोग्राफर ने दो शादी की, उनकी पहली शादी 13 साल की उम्र में 30 साल के एक शख्स से हुई। हालांकि, उन्हें इस शादी में धोखा मिला और उनका यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला। उनकी इस शादी का अंत बेहद ही दर्दनाक हुआ। फिर उन्होंने जब दूसरी शादी की, तो अपना धर्म बदल लिया, जिसके बाद लोगों ने उनसे कई सवाल किए। चलिए आपको बताते हैं, उनकी लाइफ से जुड़ी बातों के बारे में।
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हिंदू परिवार में हुआ था सरोज खान का जन्म
सरोज खान का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। कोरियोग्राफर ने अपनी लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखे। एक बार उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरी मां चूल्हे पर बर्तन रखकर खाना बनाने का नाटक करती थीं, इस उम्मीद में कि हम सो जाएंगे। वह परिवार की एकमात्र कमाने वाली थीं। फिर जब उन्होंने पहली बार डांस करने में इंटरस्ट दिखाया, तो उनकी मां ने सोचा कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। सरोज खान ने आगे बताया कि मेरी मां मुझे डॉक्टर के पास ले गईं। फिर डॉक्टर ने कहा कि उसे कुछ नहीं हुआ है। वह नाचना चाहती है, उसे नाचने दो।
डॉक्टर ने दिया था इंडस्ट्री में काम करने का सुझाव
यह वही डॉक्टर थे, जिन्होंने सरोज खान को फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का सुझाव दिया था, खासकर इसलिए क्योंकि परिवार को पैसों की जरूरत थी। उन्होंने सरोज की मां से कहा, “चिंता मत करो, बहुत से लोग हमारे पास बाल कलाकारों की तलाश में आते हैं।” उस समय सरोज सिर्फ तीन साल की थीं और फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में अपना करियर बनाने की सोच रही थीं।
इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था, “मैंने ज्यादातर बलराज साहनी के साथ काम किया।” सरोज खान के पास काम करने के अलावा कोई चारा नहीं था, क्योंकि उनके पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था। फिर 2016 में दूरदर्शन के शो कोशिश से कामयाबी तक में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे अपने भाई-बहनों की देखभाल करनी थी, मुझे कमाना था, उन्हें स्कूल भेजना था, उनकी शादी करवानी थी। मुझे सब कुछ करना था।”
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ऐसे हुई सोहनलाल से मुलाकात
फिर जैसे ही उन्होंने कोरियोग्राफर की दुनिया में अपना पहला कदम रखा, उनकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई, जिसने उनकी लाइफ हमेशा के लिए बदल दी। वह व्यक्ति एस सोहनलाल थे, जो साउथ के एक फेमस ‘डांस मास्टर’ थे। वह उनसे 30 साल बड़े थे, शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे। हालांकि, उन्होंने यह बात सरोज को नहीं बताई थी और कोरियोग्राफर से अनौपचारिक शादी कर ली। डीडी को दिए एक इंटरव्यू में सरोज ने बताया कि आखिर सोहनलाल से उनकी ‘शादी’ क्यों और कैसे हुई।
उन्होंने कहा, “जब आपके माता-पिता नहीं होते, तो आपका मन अक्सर उस खालीपन को भरने के लिए बेचैन रहता है। यह मेरे पिता से प्यार करने जैसा था, हालांकि, यह एक रोमांस निकला। वह एक पिता जैसे थे। मुझे बहुत सुरक्षित महसूस हुई। इसके अलावा, जब वह नाचते थे, तो दुनिया के सबसे खूबसूरत आदमी लगते थे। उनके डांस की वजह से मैं उनकी दीवानी हो गई थी।” जब उन्होंने कानूनी तौर पर उनसे शादी करने से इनकार कर दिया, तो वे सौहार्दपूर्ण ढंग से अलग हो गए। सरोज ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों के लिए ऐसा किया, क्योंकि सोहनलाल उन्हें अपना मानने से इनकार कर रहे थे। उन्होंने उनसे शादीशुदा होने के बारे में भी झूठ बोला था।
इंडिया डॉट कॉम से बात करते हुए सरोज ने कहा, “मुझे उस समय शादी का मतलब नहीं पता था। उन्होंने एक दिन मेरे गले में एक काला धागा डाल दिया और मुझे लगा कि मैं शादीशुदा हूं। उन्होंने मुझे यह नहीं बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा हैं और उनके चार बच्चे हैं। मुझे उनकी पहली पत्नी के बारे में तब पता चला जब मैंने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया।” सोहनलाल से सरोज खान के तीन बच्चे हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई।
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सरदार रोशन खान से की दूसरी शादी
इसके सरोज खान अपनी लाइफ में आगे बढ़ गईं। उन्होंने साल 1975 में सरदार रोशन खान से शादी की, लेकिन वह पहले से ही शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे। उन्होंने डीडी से बात करते हुए इसके बारे में बताया था, “उनके चार बच्चे थे, मेरे दो। उन्होंने मुझसे शादी के लिए कहा। मैं मान गई, लेकिन इस शर्त पर कि वह मेरे बच्चों को गोद ले लें।”
डीडी को दिए एक दूसरे इंटरव्यू में सरोज ने कहा, “मैं हिंदू थी। मेरा नाम सरोज किशन चंद साधु सिंह नागपाल था। हम सिंधी पंजाबी हैं। मैं अपने पति से मिली, प्यार हुआ और मैंने धर्म परिवर्तन कर लिया। मुझे इस्लाम से प्यार है, मैं खुद एक मस्जिद गई और अपना धर्म बदलकर मुसलमान बन गई। लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या मुझे मजबूर किया गया था। मैंने उन्हें बताया कि मेरी एक बच्ची खो गई है और वह मेरे सपनों में आती है और मस्जिद के अंदर से मुझे बुलाती है।” वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि मेरे दूसरे पति ने मेरे बच्चों को कभी भी पराया या ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि वह उनके पिता नहीं हैं। बता दें कि सरोज खान का निधन साल 2020 में हुआ था।