संतोष फिल्म की रिलीज को लेकर सेंसर बोर्ड (CBFC) ने बड़ा फैसला लिया है। इस फिल्म में पुलिस की बर्बरता को दिखाए जाने की वजह से इसे भारत में रिलीज होने से रोक दिया गया है। फिल्म की निर्देशक संध्या सूरी ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनके मुताबिक, सेंसर बोर्ड ने कई पन्नों में ढेर सारे कट्स सुझाए थे, लेकिन इतने बदलाव करना फिल्म के लिए नामुमकिन था। संध्या का कहना है कि इन कट्स से फिल्म का मूल मकसद और उसकी आत्मा ही बदल जाती, जो वो बिल्कुल नहीं चाहती थीं।
ये फिल्म ब्रिटिश-भारतीय फिल्मकार संध्या सूरी की है, जिसमें भारतीय पुलिस के अंदर महिलाओं के प्रति नफरत, इस्लामोफोबिया और हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया गया है। सेंसर बोर्ड को इन बातों से आपत्ति है और उसने इन्हें हटाने की शर्त रखी, जिसे मानने से निर्देशक ने साफ इनकार कर दिया। संतोष की कहानी एक युवा विधवा के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पति की मृत्यु के बाद पुलिस में भर्ती होती है और एक दलित लड़की की हत्या की जांच में जुट जाती है। इस किरदार को शहाना गोस्वामी ने निभाया है, जबकि सुनीता राजवार भी अहम भूमिका में हैं।
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फिल्म को अंतरराष्ट्रीय मंच पर खूब सराहना मिली है। इसने कान फिल्म फेस्टिवल में शानदार शुरुआत की और 2025 के ऑस्कर में यूके की ओर से अंतरराष्ट्रीय फीचर कैटेगरी में आधिकारिक एंट्री बनी। इतना ही नहीं, इसे बाफ्टा में सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर के लिए नामांकन मिला और शहाना गोस्वामी को एशियाई फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब भी हासिल हुआ।
सीबीएफसी के इस कदम से संध्या सूरी बेहद निराश हैं। द गार्जियन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “ये फैसला हमारे लिए चौंकाने वाला था। मुझे नहीं लगता कि फिल्म में दिखाए गए मुद्दे भारतीय सिनेमा के लिए बिल्कुल नए हैं। पहले भी कई फिल्मों में ऐसी बातें उठाई जा चुकी हैं।” उन्होंने बताया कि सेंसर बोर्ड ने पुलिस के व्यवहार और समाज से जुड़े बड़े मुद्दों पर कट्स की मांग की थी, जो फिल्म की कहानी का अहम हिस्सा हैं। संध्या ने ये भी कहा कि वो भारत में फिल्म को रिलीज करना चाहती थीं और इसके लिए कोशिश भी की, लेकिन इतने बदलावों के बाद फिल्म का मतलब ही खत्म हो जाता। अब वो इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही हैं।