फिल्म पद्मावती की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। भाजपा विधायक राजा सिंह ने रविवार को कहा कि अगर पद्मावती ने इतिहास से छेड़छाड़ की है, तो संजय लीला भंसाली को उसकी कीमत चुकानी होगी। तेलंगाना में फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे। उनका मानना है कि इस फिल्म में राजपूतों की संस्कृति का अपमान किया गया है। फिल्म आगामी एक दिसंबर को रिलीज होनी है। भाजपा विधायक ने यह बयान सिंकदराबाद में राजस्थान राजपूत समाज के एक कार्यक्रम के दौरान दिया था। रविवार रात को इसे उनके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया गया है देखते ही देखते यह तेजी से वायरल होने लगा। कुछ ही घंटों में इसे 29 हजार लोगों ने देखा और चार हजार लोगों ने लाइक किया। पद्मावती के जरिए उन्हों भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “फिल्म में रानी पद्मावती और मुस्लिम शासक अलाद्दीन खिलजी को प्रेम करते दिखाया गया है। जबकि तथ्य यह है कि खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था, जिसमें किले में रहने वाली तकरीबन 16 हजार महिलाओं ने जौहर के जरिए अपनी जान दे दी थी।”
If #Padmavati has distorted history, Sanjay Bhansali will have to pay price for it. Won’t allow its release in Telangana: Raja Singh,BJP MLA pic.twitter.com/RVWBJlo8pX
— ANI (@ANI) November 7, 2017
विधायक के मुताबिक, “हमारी मांग है कि फिल्म राजपूत समुदाय को दिखाए बगैर रिलीज नहीं की जाए। अगर पद्मावती के बारे में गलत दिखाया या इतिहास से छेड़छाड़ की गई, तो हम फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।” उन्होंने देश भर के राजपूतों से फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की है। राजा से पहले उसी दिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी भंसाली को खुली चुनौती थी। उन्होंने पूछा था कि अगर उनमें दम हो, तो वे अन्य मजहबों पर फिल्म बना कर दिखाएं? राजा उस्मानिया यूनिवर्सिटी में होने वाले सालाना बीफ फेस्टिवल का सरेआम विरोध कर चर्चा में आए थे। उनका जिंदगी का एक ही मकसद है- गोरक्षा। गोशामल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने राजा सिंह को उनके समर्थक राजाभैया भी कहते हैं। उन्होंने कहा था कि हैदराबाद में बीफ फेस्टिवल रोकने के लिए उन्हें किसी की मदद नहीं चाहिए। भाजपा के रुख की कोई परवाह नहीं है।
उन्होंने कहा था, “हम नहीं चाहते कि यहां दादरी जैसी कोई घटना हो। मैं गायों की रक्षा के लिए मारने और मरने से पीछे नहीं हटूंगा। इस फेस्टिवल को रोकने से मुझे नरेंद्र मोदी भी नहीं रोक सकते। लोगों को अपने पसंद का खाना खाने की पूरी आजादी है। लेकिन इससे किसी की धार्मिक भावना आहत नहीं होनी चाहिए।” राजा सिंह ने 2009 में तेलुगु देशम पार्टी ज्वाइन करके राजनीति की शुरुआत की थी। 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और गोशामल सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। सांप्रदायिक हिंसा के पांच मामलों में राजा सिंह के खिलाफ केस दर्ज हैं।

