साल 2018 में संजय दत्त की बॉयोपिक रिलीज के वक्त एक्टर रणबीर कपूर ने कहा था कि संजय दत्त की जिंदगी फिक्शन से कम नहीं है। कभी फिल्म इंडस्ट्री में बैडबॉय के नाम से जाने जाने वाले संजय दत्त का सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने ड्रग्स के दिनों की दर्दनाक कहानी बयां करते नजर आ रहे हैं। विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को शेयर किया है जो चंडीगढ़ विश्वविद्याल में संजय दत्त के दिए स्पीच का क्लिप है।
ड्रग्स के दिनों की कहानी को बातते हुए संजय दत्त कहते हैं, ‘सुबह का वक्त था और मुझे भूख लगी थी। उस वक्त मेरी मां गुजर चुकी थी। मैंने नौकर से पूछा कि मुझे भूख लगी है। खाना दे दीजिए तो उसने कहा कि बाबा दो दिन हो गए आपने खाना नहीं खाया। आप सोते रहे थे।’
संजय दत्त आगे बताते हैं कि इसके बाद वह बाथरूम गए और अपने आप को शीशे में देखा। वह मरने की हालत में थे। बकौल संजय दत्त, ‘मैं बाथरूम गया और अपने आपको शीशे में देखा तो मरने की हालत में था। मेरे नाक से खून निकल रहा था। मेरे मुंह से खून निकल रहा था।’ खुद को इस हालत में देख संजय दत्त काफी डर गए । वे अपने पिता सुनील दत्त के पास पहुंचे।
सुबह सात बजे वह दत्त साहब के पास पहुंचे और अपने ड्रग्स लेने की बात बताई। संजय दत्त बताते हैं कि वह एक लकी इंसान थे कि उनके पिता उन्हें यहां(भारत) से अमेरिका ले गए। वहां के ड्रग्स केयर सेंटर में 2 साल का वक्त गुजारा। ड्रग्स केयर सेंटर में बिताए पहले साल को लेकर संजय दत्त बताते हैं- ‘पहले साल लगा कि एक सूट्टा और मारा जाए। उस वक्त संभल गए और बोले ना कभी ड्रग्स करूंगा ना ही करने दूंगा।’
संजय दत्त आगे बताते हैं कि जब वह अमेरिका से देश वापस आए तो उनका पुराना ड्रग्स पेडलर दोबारा मिलने आ गया। दरवाजे पर कोई आदमी आया और बोला कि तुमसे कोई मिलने आया है। सुबह के सात बजे थे। जब मिलने गया तो देखा जो ड्रग्स पेडलर थो वो मिलने आया था। वो ड्रग्स देते हुए कहा बाबा ये नया माल है तेरे लिए लाया हूं। ये तू रख ले फ्री में। संजय दत्त बताते हैं कि उस वक्त उनके पास सिर्फ सेंकड भर का समय था ये तय करने के लिए कि वो ड्रग्स ले कि ना लें। तब उस मुश्किल घड़ी में संजय दत्त ने ड्रग्स ना लेना और जिंदगी में कभी ना करने का फैसला लिया।