संजय दत्त उस वक्त बॉलीवुड में कदम रखने जा रहे थे। 1981 में संजय दत्त की फिल्म रॉकी रिलीज होने वाली थी। संजय को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, फैमिली ने छोटे संजू को दूसरों की नकल उतारे और एक्टिंग की ओर झुकते हुए देखा था। ऐसे में पूरा परिवार संजय दत्त को स्क्रीन पर देखने के लिए बहुत उत्सुक था। ऐसा भी हुआ था जब संजय दत्त फिल्म ‘रॉकी’ की शूटिंग कर रहे थे, उस वक्त उनका पूरा परिवार उन्हें सपोर्ट करने सेट पर पहुंचा था।
संजय दत्त ने एक इंटरव्यू में खुद बताया था कि फिल्म रॉकी का एक सीन था जिसमें उन्हें खिड़की से जंप मारनी थी। वह पहला ही शॉट था और उनकी फैमिली उनके सामने थी, वह शूटिंग देखने और उन्हें सपोर्ट करने पहुंचे थे। संजय दत्त ने बताया था कि उस वक्त वह बेहद घबराए हुए थे क्योंकि उनके पिता उनके सामने थे, बहने भीं उनके सामने खड़ी थीं।
उस वक्त उनके जहन में एक ही बात चल रही थी कि अगर पहली बारी में शॉट ओके नहीं हुआ तो बहुत खराब बात होगी। लेकिन जैसे तैसे कर के उन्होंने उस शॉट को पूरा किया और संजय का वो शॉट पहले ही टेक में ओके हो गया था। संजय दत्त से जुड़ा एक किस्सा है जब एक बात को लेकर नरगिस उन पर शक करने लगी थीं।
जब संजय दत्त की ये फिल्म बनकर तैयार हुई उस वक्त परिवार संजू की पहली फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड था। लेकिन दूसरी तरफ मां नरगिस बहुत बीमार थीं। उनकी हालत इतनी खराब थी कि वह अब बेड पर ही रहती थीं।
सुनील दत्त ने इस बारे में शो आप की अदालत में बताया था- 1981 में संजू की पिक्चर रिलीज हो रही थी। एक कलाकार के लिए उसकी पहली फिल्म क्या मायने रखती है आप सभी जानते हैं। उस वक्त मेरी धर्मपत्नी ने मुझे कहा कि मुझे संजू की पिक्चर देखनी है। मैं उसका प्रेमिय़र देखने जरूर जाऊंगी। तो मैंने कहा ठीक है। मैंने डॉक्टरों से परमिशन ले ली।’
उन्होंने आगे कहा- ‘मैंने एंबुलेस का अरेजमेंट कर लिया। स्ट्रेचर का अरेंजमेंट कर लिया, व्हील चेयर का भी अरेंजमेंट कर लिया। वह कह रही थी कि अपने बच्चे की फिल्म जरूर देखना चाहती हूं। हमने टिकट वगैरा भी बुक कर ली थी। कह रही थी साथ में बैठ कर देखूंगी। 7 तारीख को प्रेमियर था। लेकिन 3 तारीख को वो चली गईं। इसके बाद हमने संजू की पिक्चर देखी, हमने नरगिस की सीट बुक कर रखी थी वो खाली रही। संजू फिल्म देख कर समझ नहीं पा रहा था कि हंसे या रोए।’ जानिए किस्सा कैसे हुई थी नरगिस और सुनील दत्त की पहली मुलाकात

