संदीप रेड्डी वांगा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘एनिमल’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई है। फिल्म में रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना के अलावा अनिल कपूर, बॉबी देओल और तृप्ति डिमरी अहम भूमिका में हैं। फिल्म को रिलीज हुए एक महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का क्रेज अभी भी कायम है। 1 दिसंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने 900 करोड़ से अधिक का कारोबार कर लिया है।

इस फिल्म से कई स्टार्स को रातों रात पॉपुलैरिटी मिल गई है। वहीं फिल्म की कहानी और गानों को भी खूब पसंद किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ फिल्म को लेकर लगातार विरोध भी देखने को मिल रहा है।

इस फिल्म को लेकर लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं। जहां कुछ लोग फिल्म को अच्छा बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग फिल्म को महिला विरोधी बता रहे हैं। वहीं हाल ही में फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए 19 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। हालांकि फिल्ममेकर संदीप वांगा इससे खुश नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में इंडस्ट्री को लेकर भड़ास निकाली है। उन्होंने अवॉर्ड शोज और क्रिटिक्स को लेकर काफी कुछ कहा है। 

संदीप वांगा ने क्या कहा

संदीप रेड्डी वांगा ने हाल ही में दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि “अवॉर्ड शोज देखिए वो अपने ही दोस्तों और करीबियों को प्रमोट करते हैं। सबको पता है अवॉर्ड कैसे होते हैं। मुझे एक दिन और लग जाएगा आप लोगों को बताने में कि हमने क्या झेला है कबीर सिंह और एनिमल के साथ। आपके कैमरे की मेमोरी खत्म हो जाएगी, लेकिन मैं बोलता रहूंगा मेरे पास इतना कुछ है बताने के लिए। लेकिन में छोटे बच्चों की तरह रो नहीं सकता। मै ऐसा नहीं दिखाना चाहता कि मैं शिकायत कर रहा हूं। यही कारण है कि मैं इंडस्ट्री में अनुभव की गई चीजों के बारे में चुप रहना चाहता हूं। इसके अलावा संदीप ने उन क्रिटिक्स को अनपढ़ कहा है, जिन्हें उनकी फिल्म पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि उनका क्राफ्ट देखिए पॉलिटिक्स ना करें।”

‘एनिमल’ के सपोर्ट में रहे ये फिल्ममेकर्स

बता दें कि एनिमल के सपोर्ट में अनुराग कश्यप, विक्रम भट्ट और राम गोपाल वर्मा जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स के बयान सामने आ चुके हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी है, जिन्हें उनकी फिल्म पसंद नहीं आई। इस लिस्ट में जावेद अख्तर और कंगना रनौत सहिक कई लोगों का नाम शामिल है। जावेद अख्तर ने कहा था कि फिल्म में एक किरदार एक महिला को जूते चाटने के लिए बोलता है और किसी फिल्म में एक शख्स महिला किरदार का थप्पड़ मारता है। इस तरह की फिल्में अगर सफल होती हैं तो यकीनन तौर पर ये बेहद खतरनाक है।