2002 हिट एंड रन केस में बॉम्बे हाई कोर्ट से सलमान खान को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें 2 दिन अंतरिम जमानत दे दी है।
बॉलीवुड के सुपर स्टार सलमान खान को आज मुंबई की एक सत्र अदालत ने वर्ष 2002 के हिट एंड रन मामले में गैर इरादतन हत्या के अपराध का दोषी पाया और उनके खिलाफ सभी आरोप सिद्ध पाए, जिनके लिए उन्हें 5 साल जेल की सजा मिली है।
सूत्रों की मानें तो सेशंस कोर्ट के जज ने सलमान खान से पूछा- ‘आप पर लगे सारे आरोप साबित होते हैं, आप पर दस साल की सजा बनती है, आपका क्या कहना है? सलमान कुछ नहीं बोले।’
Mumbai: Salman Khan leaves for Sessions Court #SalmanVerdict https://t.co/oeQuqy3hcS
— ANI (@ANI_news) May 6, 2015
कई उतार चढ़ावों से भरे 12 वर्ष पुराने इस मामले में न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे ने 49 वर्षीय अभिनेता के खिलाफ फैसला सुनाया। इस मौके पर सलमान और उनका परिवार अदालत में मौजूद थे।
अदालत ने कहा कि सलमान शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। अदालत ने इस मामले का फैसला सुनाते हुए दिल्ली के बीएमडब्ल्यू निखिल नंदा और अलीस्टेयर परेरा मामले का अनुसरण करते हुए सलमान को दोषी ठहराया।
अदालत ने सलमान से पूछा कि फैसले पर उन्हें क्या कहना है तो सलमान ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि हादसे के वक्त वह कार नहीं चला रहे थे।
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अदालत जिस समय अपना फैसला सुना रही थी, सलमान की आंखों में आंसू थे और वह चुपचाप खड़े थे। फैसले के बाद उनके वकील ने मामले की सजा की मात्रा पर जिरह शुरू की।
इस महत्वपूर्ण मामले में आज फैसले को देखते हुए अदालत परिसर में और इसके आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई, जहां सलमान के भाई अरबाज, सोहेल, बहन अर्पिता खान सहित उनका परिवार आज सुबह ही पहुंच गया था।
28 सितंबर 2002 की रात को सलमान की टोयोटा लैंड कू्रजर बांद्रा के उपनगरीय इलाके में पटरी पर सोए लोगों को कुचलती हुई एक बेकरी में घुस गई थी, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हुए थे।
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बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, जिसने सलमान के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने के हलके आरोप में सुनवाई की थी, जिसमें अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है, ने 2012 में गैर इरादतन हत्या के अधिक गंभीर आरोप के साथ मामला सत्र अदालत को भेज दिया, जिसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है।
जहां अभियोजन इस बात पर अडिग था कि हादसे के वक्त शराब पीकर सलमान ही लैंड क्रूजर चला रहे थे, वहीं सलमान का दावा था कि उस समय उनका ड्राइवर अशोक सिंह ड्राइविंग सीट पर था। सिंह ने भी बचाव पक्ष की इसी बात समर्थन किया।
बचाव पक्ष ने यह दलील भी दी कि पुलिस ने स्टीयरिंग व्हील से उंगलियों के निशान नहीं उठाए थे, जिससे यह मालूम चले कि वाहन कौन चला रहा था।
अभियोजक प्रदीप घरात का आरोप था कि सलमान एक बार में ‘बकार्डी रम’ पीने के बाद वाहन चला रहे थे। हालांकि सलमान ने इस आरोप से इंकार करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ एक गिलास पानी पीया था।
हादसे में नुरूल्लाह महबूब शरीफ की मौत हो गई थी, जबकि कलीम मोहम्मद पठान, मुन्ना मलाई खान, अब्दुल्लाह रौफ शेख और मुस्लिम शेख घायल हुए थे।
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स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दाउंदकर ने एक अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि पुलिस ने गलत चिकित्सकों से पूछताछ कर झूठे साक्ष्य पेश किए, जिससे मामले में तीन साल की देरी हुई।
उन्होंने याचिका में पुलिस द्वारा मुख्य प्रत्यक्षदर्शी कमाल खान से पूछताछ नहीं किए जाने के संबंध में भी सवाल उठाए थे।
सलमान खान को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग 2 (गैर इरादतन हत्या) जिसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है, 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) जिसमें छह माह की सजा हो सकती है, 337 और 338 (गंभीर चोट पहुंचाना अथवा जीवन को खतरे में डालना) जिसमें दो साल तक की सजा हो सकती है और 427 (संपति को नुकसान) जिसमें अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है, के तहत आरोपित किया गया था।
मोटर वाहन कानून के तहत खान के खिलाफ 34 (ए), (बी) पढ़ें 181 के साथ (नियमों के विरुद्ध वाहन चलाने) और 185 (शराब पीने के बाद तेज रफ्तार से वाहन चलाने) आरोप लगाए गए हैं।
उनको बम्बई मद्यनिषेध कानून के तहत भी आरोपित किया गया, जो शराब के नशे में गाड़ी चलाने से जुड़ा है और जिसमें छह महीने की सजा का प्रावधान है।
इससे पूर्व आज सुबह नीली जीन्स और सफेद कमीज पहने सलमान एक सफेद कार से बांद्रा स्थित अपने आवास से दक्षिण मुंबई स्थित सत्र अदालत पहुंचे। उनके साथ उनके अंगरक्षक थे। वहां बाहर लोगों का जमावड़ा था और एक तमिल समूह प्रदर्शन करते हुए अभिनेता के लिए अधिकतम सजा की मांग कर रहा था जिन्होंने श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान महिन्दा राजपक्षे का समर्थन किया था।

