साल 2018 में एक ऐसी लहर आई थी, जिसने सिनेमा और टीवी जगत से कई बड़े चेहरों का नाम हैरेसमेंट केस में उजागर किया था। ये आंधी कोई और नहीं बल्कि मीटू की थी। इसके तहत कई ऐसे खुलासे हुए थे, जिसकी किसी ने उम्मीद भी ना की होगी। इसकी शुरुआत तनुश्री दत्ता से हुई थी। उन्होंने नाना पाटेकर समेत गणेश आचार्य तक पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद इंडस्ट्री की कई एक्ट्रेसेस ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इसी में से एक नाम डायरेक्टर साजिद खान (Sajid Khan) का भी था। उनका भी नाम मीटू के तहत आया था। उस समय वो ‘हाउसफुल 4’ की शूटिंग कर रहे थे। इसमें नाम आने की वजह से उनके हाथ से कई प्रोजेक्ट्स चले गए और जीवन में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसी बीच अब उन्होंने खुलासा किया कि इन 6 सालों में साजिद ने अपनी कई बार जान लेने की कोशिश की।

दरअसल, साजिद खान ने मीटू में नाम आने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया कि हैरेसमेंट के आरोपों के बाद किन मुश्किलों से गुजरना पड़ा। उन्होंने बताया कि बीते 6 सालों में वो कई बार अपनी जान लेने के बारे में सोच चुके हैं। उनके ये 6 साल बहुत खराब बीते थे। क्योंकि उनके पास काम नहीं था। वो इस बीच खुद को खड़ा करने की कोशिश करते रहे। उन्होंने बताया कि उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा था और किराए के घर में रहना पड़ा था। साजिद बताते हैं कि उनकी कमाई का कोई जरिया नहीं बचा था। वो 14 साल के थे जब उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था क्योंकि उनके पिता का निधन हो गया था।

आरोपों के बाद डर गए थे साजिद खान

साजिद अफसोस जताते हैं कि उनकी मां अगर जिंदा होतीं तो देखतीं कि वो अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश करत रहे हैं। साजिद बताते हैं कि वो अपनी मां बेटे से ज्यादा उनके केयर टेकर थे। उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा। इस बातचीत में उनसे पूछा गया था कि उन पर लगे आरोपों पर परिवार का क्या रिएक्शन था? तो इसके जवाब में डायरेक्टर ने कहा था कि जब ये सब हुआ तो उससे 10 दिन पहले वो जैसलमेर में शूट कर रहे थे और उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं थी। साजिद ने बताया कि जब उन्हें आरोपों के बाद फिल्म छोड़नी पड़ी तो उनको डर था कि कहीं मां को ना पता चल जाए। अगर पता चल गया तो उनको हार्ट अटैक आ जाएगा।

महिलाओं के बारे में कभी बुरा नहीं कहूंगा- साजिद खान

डायरेक्टर आगे बताते हैं कि उन्होंने अपनी बहन फराह खान से कहा था कि वो सारे न्यूजपेपर को मां से छुपा दें। वो करीब 10 दिनों तक ऐसे दिखाते रहे जैसे सब कुछ ठीक हो। वो घर से बाहर आते जाते रहे ताकि मां को लगे कि वो शूटिंग पर जा रहे हैं। साजिद महिलाओं को लेकर कहते हैं कि उन्होंने कभी भी किसी महिला के बारे में ना तो कभी बुरा कहा है और ना कहेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि मीटू में बाकी जिन लोगों का नाम आया था वो काम पर लौट चुके थे। लेकिन, वो खुद नहीं जा पाए थे। ये उनके लिए काफी बुरी फीलिंग्स थी। उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अपना जीवन बदलने के साथ ही लोगों से बात करने का तरीका भी बदलना होगा।


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