Sushant Singh Rajput Case: दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कूपर अस्पताल की मोर्चरी के जिस कर्मचारी के बयान पर मामला गरमा गया था, उसके पास किसी सवाल का सही-सही जवाब नहीं है। रूपकुमार नाम के शख्स का कहना है कि सुशांत के पोस्टमार्टम के वक्त वह मोर्चरी में मौजूद थे और एक्टर के शव को देखकर पता लग रहा था कि वह आत्महत्या नहीं थी। जब उनसे सवाल किया गया कि वह इस मामले में अब तक चुप क्यों थे? इसपर उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार पर उन्हें भरोसा नहीं था।
डॉक्टर का पता नहीं
आजतक के साथ बातचीत के दौरान रूपकुमार से कई सवाल किए गए। रूपकुमार ने दावा किया था कि सुशांत के शरीर पर चोट के निशान थे, उनकी आंख पर मुक्के से लगी चोट का निशान था। उनके पैर की हड्डी भी टूटी थी।
जब इसपर रूपकुमार से पूछा गया कि ऐसे में सुशांत के परिवार ने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया, इस प्रश्न का जवाब रूपकुमार के पास नहीं था। रूपकुमार से पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स का नाम पूछा गया, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने पीपीई किट पहनी थी, जिसके कारण वह उन्हें पहचान नहीं पाए।
किसी सवाल का नहीं जवाब
जब रूपकुमार से पूछा कि अगर सुशांत के शव पर चोटें थी तो परिवार ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? इसपर उन्होंने कहा कि शायद सुशांत का परिवार इस बात को जानता था। पोस्टमार्टम टीम के मेंबर की मानें तो उन्होंने कई सालों तक पोस्टमार्टम के लिए आए शवों को देखा है, वह शव को देखकर बता सकते हैं कि मर्डर है या आत्महत्या।
रूपकुमार ने कहा कि जिस दिन सुशांत का पोस्टमार्टम हुआ था। मोर्चरी में पांच शव आए थे, जिनमें से एक वीआईपी था और वो सुशांत का था। जब उन्होंने शव को देखा तो वह पहचान गए थे कि उनकी हत्या हुई है।
उन्होंने अपने सीनियर को इस बारे में बताया था, लेकिन उन्होंने बात को टाल दिया था। इसके बाद रूपकुमार से पूछा गया कि उन्होंने ढाई साल तक इस बारे में क्यों नहीं बताया, जिसपर उन्होंने कहा कि उन्हें उस वक्त की सरकार पर भरोसा नहीं था।