जम्मू कश्मीर में डीडीसी के चुनाव होने हैं और इसी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने 13 नवंबर को गुपकार गठबंधन को ज्वाइन कर लिया। गुपकार (PAGD – People’s Alliance for Gupkar Declaration) जम्मू कश्मीर की पार्टियों का एक गठबंधन है जो धारा 370 के दोबारा लागू करने की चाह रखती हैं। कांग्रेस के इस गठबंधन में शामिल होने पर रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो, ‘पूछता है भारत’ पर अर्नब गोस्वामी ने जमकर पार्टी पर हमला बोला। रिटायर्ड मेजर जनरल गौरव आर्या भी कांग्रेस पर खूब बरसे।
अर्नब गोस्वामी ने कहा, ‘जेल भेजा और 8 दिन बाद वापस आ गए, कुछ फर्क नहीं पड़ा। मगर तुम जैसे लोग अब खाओगे। देश को गाली देने वाले लोगों के खिलाफ तुम्हारी आवाज़ क्यों बंद हो जाती है? जेल से वापस आने के बाद रिपब्लिक भारत के स्टूडियो से मैंने कहा था कि और बुलंदी से देश के गद्दारों को हैंडल करूंगा। मैं देखता हूं कि मेरे रहते तुम कैसे चुनाव लड़ते हो।’
अर्नब गोस्वामी ने आगे कहा, ‘रिपब्लिक भारत के लोग जेल में और गुप्तकर गैंग बाहर – ये कैसा देश बनेगा? तीन हफ्ते पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जबतक 370 हटाओगे नहीं तब तक मैं चुनाव नहीं लडूंगी। अचानक ये मैदान में क्यों उतर गईं हैं? गौरव आर्या ने जवाब दिया, ‘ये चुनाव इसलिए लड़ रही हैं क्योंकि गद्दारी के गल्ले पर बैठे हैं ये लोग। ये लोग भूल गए कि 370 और 35 (A) हट चुका है और अब कोई पैसा नहीं मिलने वाला इनको। अब भारत बदल चुका है।’
पैनल में मौजूद राजनीतिक विश्लेषक विनोद सिंह गौरव आर्या पर भड़क गए और बोले, ‘आप क्यों मैदान में आए? आप पकौड़ा पार्टी का पकौड़ा खाकर आए हैं चुनाव मैदान में? लोकतंत्र में चुनाव कौन लडेगा कौन नहीं लडेगा ये आप तय करेंगे? आपको समझ है ज़रा भी, संविधान की जानकारी है। आप पकौड़ा खाकर बेवजह की बात करेंगे, पकौड़ा अच्छा नहीं है सेहत के लिए। पकौड़ा पार्टी के एजेंट चुप रहो। अगर तुम्हारे आरोप सही है तो सरकार में क्या कर रहे हो तुम?’ गौरव आर्या और पैनलिस्ट माजिद हैदरी के बीच भी जमकर बहस देखने को मिली।
माजिद हैदरी ने कहा, ‘क्या हमेशा कांग्रेस किए हो, कांग्रेस का भूत सवार है। कांग्रेस ने आपको आजादी दी।’ गौरव आर्या कहते हैं, ‘आपका कांग्रेस से क्या लेना देना? बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना ये गलत चीज है। ‘गुप्तकर गैंग’ की जहां तक बात है, जो हश्र कांग्रेस का हुआ था, इनका पहले ही हो चुका है। देश बता चुका है कि जो देश के खिलाफ बोलेगा, उसे छत नहीं मिलेगा सिर छुपाने को और दौड़ने भागने के लिए जमीन कम पड़ जाएगी।’