फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘सर्कस’ जैसे टीवी शो में नजर आ चुकीं अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने हाल ही में अपने करियर के शुरुआती सालों में निर्माताओं द्वारा उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार का सामना करने के बारे में खुलकर बात की है। इसके अलावा अभिनेत्री ने यह भी बताया कि कैसे एक टॉप स्टार होने और फिल्मी परिवार से होने के बावजूद रवीना टंडन को सेट पर अपनी सुरक्षा के लिए सावधानी बरतनी पड़ती थी और सतर्क रहना पड़ता था।
अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने खोले राज
जूम को दिए एक इंटरव्यू में रेणुका शहाणे ने कहा, “एक प्रोड्यूसर आए थे बहुत साल पहले और वो मेरे घर पे आए थे मुझसे मिलने। उन्होंने मुझे प्रपोजिशन ही कर दिया मुझे कि मैं मैरिड हूं, लेकिन आप मेरी ब्रांड एंबेसडर बनेंगी। कुछ साड़ी के प्रोड्यूसर थे और कैंपेन हो गया।” इसके आगे उन्होंने बताया, “मैं आपको इतना स्टाइपेंड दूंगा हर महीने और फिर हम साथ में रहेंगे।
यह सुनने के बाद मेरी मां और मैं एक-दूसरे की तरफ हैरानी से देखते रह गए। मुझे लगता है उसके बाद क्या होता है, वो ज्यादा जरूरी है। इस इंसिडेंट के बाद वो कैंपेन मैं ही नहीं करना चाहती और वो आदमी वो कैंपेन कहीं और लेके गया होगा, लेकिन बात आई-गई हो गई।”
इसके आगे रेणुका ने यह भी बताया कि अगर कोई पीड़ित उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करे, तो उसे अक्सर बदले की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है… या तो उसे प्रोजेक्ट से हटा दिया जाता है या फिर और परेशान किया जाता है, कभी-कभी तो उनके काम के पैसे भी नहीं दिए जाते। एक्ट्रेस ने कहा, “यह एक ऐसा क्लब है, जो एकजुट होकर पीड़ित को और ज्यादा प्रताड़ित करने की कोशिश करता है।”
रवीना के लिए कही ये बात
रेणुका ने आगे बताया कि कैसे ‘मीटू’ आंदोलन का असर समय के साथ कम होता गया है, क्योंकि कई आरोपी गंभीर आरोपों के बावजूद फिर से काम पर लग गए हैं। अभिनेत्री ने कहा, “समस्या यह है कि MeToo आंदोलन के बाद, आरोपी 5-6 साल बाद सब कुछ भूलकर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और अगर आप किसी पर आरोप लगाते हैं और पुलिस केस जैसा कोई बैक-अप नहीं होता, तो लोग आरोप साबित न करने के लिए आप पर ही सवाल उठाएंगे।”
इसके अलावा उन्होंने रवीना टंडन का एक उदाहरण भी शेयर किया और बताया कि कैसे उन्हें भी इंडस्ट्री में अपने पीक सालों के दौरान खुद को बचाने के लिए बेहद सतर्क रहना पड़ा था। रेणुका ने कहा, “रवीना एक बड़ी हीरोइन थीं और वह इंडस्ट्री बैकग्राउंड से ही आई थीं, लेकिन उन्होंने मुझे बताया था कि आउटडोर शूटिंग के दौरान हम हर दिन कमरे बदलते थे ताकि किसी को पता न चले कि हम किस कमरे में ठहरे हैं।
ताकि वे आकर समस्या पैदा न करें।” उन्होंने बताया कि अभिनेत्रियों के दरवाजे अक्सर रात में पुरुष अभिनेता, निर्माता आदि खटखटाते थे और सावधानियां भी काम नहीं आती थीं।
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