CineGram: अमिताभ बच्चन और रेखा की लव स्टोरी बॉलीवुड के सबसे फेमस किस्सों में से एक है। अमिताभ के लिए रेखा का प्यार कई मौकों पर देखने को मिला है, हालांकि अमिताभ ने कभी भी इस रिश्ते को नहीं कबूल किया। रेखा पर लिखी किताब ‘रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी’ में लेखक यासिर उस्मान ने रेखा और अमिताभ की लव स्टोरी का जिक्र भी किया है। इस किताब में उमराव जान के निर्देशक मुजफ्फर अली से बातचीत भी छपी है जिसमें निर्देशक ने रेखा के सपोर्ट में कई बातें कही हैं।

अमिताभ बच्चन को उनसे शादी करनी चाहिए थी- मुजफ्फर अली

किताब में लिखा है कि मुजफ्फर अली मानते हैं कि रेखा के साथ गलत हुआ। अमिताभ बच्चन को उनसे शादी करनी चाहिए थी। किताब में लिखा है कि उमराव जान बनाते वक्त मुजफ्फर अली को रेखा की जिंदगी को करीब से देखने का मौका मिला। उनका मानना था कि रेखा बहुत संवेदनशील महिला हैं। उनके मुताबिक ‘रेखा एक चलती फिरती जिंदा लाश जैसी बन गईं और सारी गलती अमिताभ की है।’ किताब में मुजफ्फर अली के हवाले से लिखा है, ”दिल्ली में उमराव जान की शूटिंग के दौरान वे फिल्म के सेट पर अक्सर आते और बैठे रहते थे। ये हकीकत है। जब भी रेखा अमिताभ के बारे में बात करतीं तो वो अमिताभ को ‘इनको’ और ‘इन्होंने’ जैसे संबोधनों से ही पुकारती थीं, जैसे एक शादीशुदा पत्नी अपने पति को पुकारती है। मुझे लगता है कि वह खुद को शादीशुदा ही मानती थीं। रेखा ने उनसे प्यार किया था, प्यार करती हैं। उन्हें रेखा को एक पहचान और रिश्ते को नाम देना चाहिए था। अमिताभ को उनसे शादी करनी चाहिए थी।”

जब डायरेक्टर के पीछे छिपकर सेट पर पहुंचीं रेखा

रेखा संग उमराव जान की शूटिंग का जिक्र भी मुजफ्फर अली ने किया। उन्होंने बताया कि पूरी यूनिट और रेखा के साथ मुंबई से लखनऊ आए थे और यहां स्टेशन पर रेखा को कैसे छिपाकर सेट पर पहुंचे थे। मुजफ्फर ने बताया कि रेखा मेरे पीछे छिपकर चलती थीं।

मुजफ्फर अली ने बताया कि रेखा ने फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद कहा था कि वो 6 घंटे में डबिंग पूरी कर लेंगी, मगर वो चाहते थे कि रेखा हर लफ्ज सही बोलें, हर सांस और अंदाज सही हो। रेखा नर्वस हो गईं और पूरे हफ्ते डबिंग चली थी। 36 घंटे लगे मगर फिल्म में उनकी संवाद अदायगी देखिए उन्होंने क्या कर दिखाया है। वह एक शानदार अदाकारा हैं।

कड़कड़ाती सर्दी में सिर्फ दुपट्टा ओढ़कर रेखा ने किया सफर

इस फिल्म में फारूख शेख ने नवाब सुल्तान का रोल निभाया था। यासिर उस्मान की किताब में फारूख शेख के हवाले से लिखा है कि सर्दियों में हमें दिल्ली से लखनऊ शूटिंग के लिए ट्रेन से जाना था। सफर 14 घंटे का था और उन्हें बिस्तर और नाश्ता देने का वादा किया गया था, मगर जब ट्रेन चली तो पता चला कि प्रोडक्शन इंचार्ज बिस्तर रखना ही भूल गया। फारूख ने कहा कि दीना जी के पास तो शॉल थी मगर रेखा के पास सिर्फ एक दुपट्टा था। कड़कड़ाती सर्दी की रात थी हम ठंड से जमे जा रहे थे मगर रेखा ने शिकायत का एक लफ्ज नहीं कहा।

उमराव जान के लिए रेखा ने जीता नेशनल अवॉर्ड

बाद में इसी फिल्म उमराव जान के लिए रेखा को नेशनल अवॉर्ड मिला था। वहीं फिल्म के कला निर्देशक मंजूर, संगीत निर्देशक खय्याम और प्लेबैक सिंगर आशा भोंसले को भी नेशनल अवॉर्ड मिला था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया था।