सिनेमाई पर्दे पर अक्सर जिस तरह के अभिनेताओं के तेवर और मिजाज देखने के लिए मिलते हैं लेकिन, रियल लाइफ में उससे काफी अलग रहते हैं। इसमें कुछ शांत होते हैं तो कुछ व्यवहारिकता में एकदम उदार होते हैं। वहीं, कइयों के तेवर और मिजाज जैसे स्क्रीन पर दिखते हैं वैसे ही रियल लाइफ में भी होते हैं। इस लिस्ट में एक नाम राज कुमार का भी है। उन्होंने अपनी शर्तों पर जीवन जीया है। यहां तक कि मेकर्स तक उनसे थर्र-थर्र कांपते थे। उनका नाम सुनते ही एक्टर्स फिल्म को छोड़ देते थे। ऐसे में आपको उनके जीवन के उस पहलू के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। इसके बारे में रजा मुराद ने बताया है। उन्होंने सालों पुराना किस्सा सुनाया है, जो कि काफी शॉकिंग है।
दरअसल, रजा मुराद ने एएनआई से बातचीत की और इस दौरान उन्होंने राज कुमार की लाइफ से जुड़े उस डरावने किस्से के बारे में बताया है। रजा मुराद ने राज कुमार के जीवन के शुरुआती दिनों की एक घटना को याद करते हुए कहा कि एक बार वो अपने दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड के साथ जुहू बीच पर थे। रजा बताते हैं कि किसी ने राज कुमार के दोस्त की गर्लफ्रेंड पर कुछ भद्दी टिप्पणी की। इसके बाद एक्टर का गुस्सा सातवें आसमान पर था और उन्होंने उस व्यक्ति को पकड़कर बहुत पीटा था। रजा ने दावा किया कि उन्होंने उसे इतना पीटा था कि उसकी मौत हो गई थी।
हत्या के मामले में कोर्ट में चला था केस
इतना ही नहीं, रजा मुराद किस्से को आगे बढ़ाते हुए बताते हैं कि इसके बाद राज कुमार के खिलाफ हत्या का मामला चला था। रजा के दोस्त राज के बहुत अच्छे दोस्त थे तो इसलिए वो उनका समर्थन करने के लिए हर अदालती सुनवाई के लिए जाते थे। बॉलीवुड के फेमस विलेन रहे रजा बताते हैं कि ये एक बड़ा मामला था, जो काफी सालों तक चला था लेकिन, अंत में वो इससे बरी हो गए थे। इस पूरे प्रोसेस में कई महीने लग गए थे।
रजा पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि राज कुमार एक कश्मीरी पंडित थे और फिल्म उद्योग में प्रवेश करने से पहले, वो पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे। बाद में फिल्मों में आने के बाद बड़े स्टार बन गए। उनका स्टाइल, अभिनय और डायलॉग डिलीवरी के लोग कायल हो गए थे।
राज कुमार की फिल्में
राज कुमार ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपने करियर में 70 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनका 69 साल की उम्र में ही 1996 में निधन हे गया था। वो अपनी पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए जो आज भी एक्टर्स और मेकर्स को प्रेरित करती है।अगर उनकी फिल्मों की बात करें तो उनकी बेहतरीन फिल्मों में ‘पाकीजा’ (1972), ‘वक्त’ (1965) और ‘तिरंगा’ जैसी फिल्मों के नाम शामिल है।