पिछले साल कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ऐलान किया था कि ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत सरकार 20 लाख करोड़ का पैकेज ला रही है जो देश को कोरोना महामारी से उबरने में मद करेगी। मई के महीने में ही पीएम ने इस पैकेज का ऐलान करते हुए कहा था कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज देश की कुल जीडीपी का करीब 10 % है। अब जब कि इस घोषणा को एक साल हो गए हैं, एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि किसी को पता है कि सरकार का 20 लाख करोड़ वाला पैकेज कहां गया।

उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक पुरानी खबर को पोस्ट करते हुए नरेंद्र मोदी पर तंज़ किया, ‘किसी को पता है ये पैकेज कहां गया? पैकेज कहां गया? पैकेज कहां गया? हलो, हलो, माइक टेस्टिंग, चेक, चेक, चेक।’

रवीश कुमार ने जो खबर पोस्ट की है वो 13 दिसंबर 2020 की है जिसमें यह लिखा गया है कि आत्मनिर्भर अभियान की घोषणा के 7 महीनों बाद तक पैकेज से 10 प्रतिशत से भी कम खर्च किया गया है।

 

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने 12 मई 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा था, ‘इसके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ का यह पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉज सभी पर बल दिया गया है।’

उन्होंने कहा था कि यह आर्थिक पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु मंझोले उद्योग, एमएसएमई सेक्टर के लिए है जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है।

 

बहरहाल, रवीश कुमार के पोस्ट पर यूजर्स भी जमकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं। जुनैद अंसारी नाम के एक यूजर ने रवीश कुमार को जवाब देते हुए लिखा कि पैकेज का पैसा बंगाल चुनावों में खर्च हुआ। वहीं खान नाम से एक यूजर ने लिखा, ,‘पॉलिटिशियंस बी लाइक – अच्छा पैकेज? आपक आवाज नहीं आ रही, हेलो, हेलो।’

 

गौरव नाम के एक यूजर ने नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘बाकी का पैसा सेंट्रल विस्टा के लिए। प्रधानमंत्री ने नया प्लेन ले लिया अब गृहमंत्री को भी दिलवाना पड़ेगा न। लोग कोरोना से मरते हैं तो मरे।’ नितेश नाम से एक यूजर लिखते हैं, ‘राजनेता कहेंगे – वो पैसा तो मैं खा गया, बता क्या करेगा अब?’