Ravi Kishan On Population: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार अभिनेता रवि किशन (Ravi Kishan) ने न सिर्फ अपनी क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में नाम कमाया ही है, बल्कि साउथ से लेकर बॉलीवुड (Bollywood) तक अपनी दमदार अदाकारी से अलग छाप छोड़ी है। वहीं अभिनय की दुनिया से उन्होंने राजनीति का भी बेहतरीन सफर तय किया है और लगातार सक्रिय हैं। एक्टर अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपने बयानों को लेकर भी अक्सर सुर्खियो में बने रहते हैं।

अब हाल ही में गोरखपुर सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण (Population Control Bill) करने के प्रावधान वाला एक गैर-सरकारी विधेयक को लोकसभा में पेश किया है। इससे पहले रवि किशन ने अपने चार बच्चों के लिए कांग्रेस (Congress) को जिम्मेदार ठहराया है।

रवि किशन ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

दरअसल हाल ही में रवि किशन आज तक मंच पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा कि वह संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ”मेरे चार बच्चे हैं। मैं पिता के रूप में जानता हूं कि उनकी परवरिश के लिए कितना संघर्ष करना पड़ा। मेरी पत्नी लंबी और पतली थी और पहली और दूसरी डिलीवरी के बाद मैंने उसकी सेहत बिगड़ते देखी। मैं उस समय संघर्ष कर रहा था और हमेशा शूटिंग में व्यस्त रहता था। बच्चे पैदा होते गए।”

एक्टर ने आगे कहा कि ”उस समय कोई स्पष्टता नहीं थी। मगर अब मैं अपनी पत्नी को देखता हूं तो मुझे बुरा लगता है मेरे चार बच्चे हैं, ये कोई गलती नहीं है। अगर कांग्रेस सरकार उस समय विधेयक लाती और कोई कानून होता तो मेरे चार बच्चे नहीं होते। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कांग्रेस सरकार में जागरूकता नहीं पैदा की गई थी इसलिए बीजेपी सरकार को अब जनसंख्या नियंत्रण बिल लेकर आना पड़ रहा है।”

एक्टर के बयान पर विनोद कापड़ी ने दी प्रतिक्रिया

अब रवि किशन का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच जानेमाने फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ”जनसंख्या नियंत्रण बिल की वकालत करने वाले रवि किशन चार बच्चों के पिता क्यों बने ? इस के लिए भी बीजेपी सांसद की नज़र में कॉंग्रेस ही ज़िम्मेदार हैं। पूरा सुनिए और समझिए कि कैसे ग़ैर ज़िम्मेदार , बचकाने ,संवेदनहीन लोग भारत की संसद में हैं।”

इसी के साथ फिल्मेकर ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि ”चाहे पर्वत के शिखर से गिरना पड़े, मझधार में फंसे हों या कीचड़ में धंसना पड़े तब भी मूर्ख से दोस्ती मत कीजिए। बीजेपी को शायद अब संत कबीरदास के इस दोहे का अर्थ समझ आ पाए।”