रश्मिका मंदाना हाल ही में जगपति बाबू के टॉक शो जयम्मु निश्चयमु रा में एक टिप्पणी करने के बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का शिकार हो गईं। बातचीत के दौरान रश्मिका ने कह दिया कि आदमियों को भी पीरियड्स का अनुभव करना चाहिए, जिससे उन्हें ये पता लग सके कि महिलाएं हर महीने किस दर्द से गुजरती हैं। उनकी इस टिप्पणी पर ऑनलाइन मिले-जुले रिएक्शन मिले। कुछ। यूजर्स ने इसे सही बताया तो कुछ का कहना है कि आदमियों के प्रति ये संवेदनशील है। जिसके बाद एक्ट्रेस को अपना पक्ष रखना पड़ा।

इस तीखी प्रतिक्रिया के बीच, रश्मिका के एक प्रशंसक ने ट्विटर पर शो का एक क्लिप शेयर किया और उनके शब्दों के पीछे के इरादे को समझाने की कोशिश की। पोस्ट में लिखा था, “पुरुषों के पीरियड्स पर रश्मिका का नज़रिया। कभी-कभी हम बस यही चाहते हैं कि हमारे दर्द और भावनाओं को समझा जाए। यह कभी भी तुलना या पुरुषों की जिम्मेदारियों को कम करने के बारे में नहीं था।”

रश्मिका ने इस यूजर की पोस्ट पर कमेंट करते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने लिखा, “और इस बारे में कोई बात नहीं करेगा.. शो और इंटरव्यू में जाने का डर मेरे लिए यही है.. मेरा मतलब कुछ है और इसे पूरी तरह से कुछ और ही समझ लिया जाता है।”

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क्या है पूरा मामला?

जयम्मु निश्चयम्मु रा पर, मेजबान जगपति बाबू ने रश्मिका से पूछा कि क्या वह वास्तव में मानती हैं कि पुरुषों को भी मासिक धर्म का अनुभव करना चाहिए। इस पर रश्मिका ने कहा था, “हां। मैं चाहती हूं कि उन्हें कम से कम एक बार पीरियड हो, ताकि वे दर्द और ट्रॉमा को समझ सकें। हार्मोनल असंतुलन के कारण, हम ऐसी भावनाएं महसूस करते हैं जिन्हें हम समझ नहीं पाते। और आप पुरुषों पर यह दबाव नहीं दिखा सकते क्योंकि, चाहे आप उन्हें कितना भी समझाएं, वे उस एहसास को नहीं समझते। इसलिए, अगर पुरुषों को सिर्फ एक बार पीडियड होता है, तो उन्हें यह समझने दें कि मासिक धर्म का दर्द कैसा होता है।”