रानी मुखर्जी ने अपनी पहली ही फिल्म, ‘राजा की आएगी बारात’ में यह साबित कर दिया था कि वो एक बेहतरीन अभिनेत्री बनेंगी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लंबा सफर तय करेंगी। इस फिल्म में उन्होंने एक रेप विक्टिम का किरदार निभाया था जिसके लिए उन्हें स्क्रीन अवार्ड्स में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रानी को जब इस फिल्म के ऑडिशन के लिए बुलाया गया था तब वो ऑडिशन में खूब रोई थीं। उनके रोने से उनकी मां बहुत परेशान हो गईं थीं और उन्होंने निर्माता से गुजारिश की थी कि उनकी बेटी को फ़िल्म में न लिया जाए, फिल्म फ्लॉप हो जाएगी।
रानी मुखर्जी ने इस बात कर जिक्र रजत शर्मा के शो, ‘आपकी अदालत’ में किया था। रानी ने बताया, ‘जब राजा की आएगी बारात में मेरा ऑडिशन किया गया था तो मैं बहुत रोई थी। उन्होंने मुझे साड़ी पहना दिया था और एक लंबा सा पेपर थमा दिया था डायलॉग का, कि बोलो इसे। उन्होंने मेरी आंखों में ग्लिसरीन भर दिया कि तुम रोओ। मुझे समझ नहीं आया कि कैसे फिल्म करते हैं।’
उन्होंने आगे बताया था, ‘इतना ग्लिसरीन कि मैं आंखें नहीं खोल पा रही थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरी मम्मी चाहती थीं कि मैं हीरोइन बनूं लेकिन वो स्क्रीन टेस्ट देखने के बाद मेरी मम्मी खुद गईं प्रोड्यूसर के पास और कहा कि आप प्लीज मेरी बेटी को मत लीजिए, वो बहुत खराब है। आपकी फिल्म डूब जाएगी, मत लीजिए उसे।’
रानी मुखर्जी उस वक्त 15-16 साल की थीं। उनकी पहली फिल्म दर्शकों को ज्यादा पसंद नहीं आई थी। इसके बाद उन्होंने आमिर खान के साथ फिल्म गुलाम में काम किया जिसकी सफलता ने उन्हें थोड़ी पहचान दिलाई।
शाहरुख खान की फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में रानी को मौका मिला जिसके बाद तो वो स्टार बन गईं। रानी को यह फिल्म शाहरुख खान के कहने पर मिली थी। शाहरुख ने रानी को उनकी पहली फिल्म में देखा था और उन्हें उनका काम काफी पसंद आया था। इसलिए जब ‘कुछ कुछ होता है’ के लिए कई अभिनेत्रियों ने मना कर दिया तब शाहरुख खान ने प्रोड्यूसर को रानी का नाम सुझाया था।