बॉलीवुड में इन दिनों फिल्मों को री-रीलीज करने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। नई दिल्ली में इंडियन एक्सप्रेस की सीरीज एक्सप्रेसो के छठे एडिशन में एक्टर रणदीप हुड्डा और फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने हिंदी सिनेमा में चल रही क्राइसिस पर बात की। जब उनसे पूछा गया कि री-रिलीज बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन क्यों कर रही हैं, तो हंसल ने तुरंत जवाब दिया, “ये सोशल मीडिया का चलन है। एक या दो री-रिलीज फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इसका मतलब ये नहीं है कि सभी फिल्में अच्छी चल रही हैं।”
रणदीप हुड्डा भी इस पर बोले कि हर कोई ट्रेंड के हिसाब से चल रहा है। उन्होंने कहा, “मैं इसे ‘भेड़ चाल’ कहूंगा। अगर एक चीज काम करती है, तो वैसी ही चीजें बनने लगती हैं। सबको वही बनाना है। अभी सबको ‘स्त्री’ के बाद हॉरर कॉमेडी बनानी है। एक एक्टर के तौर पर मुझे नहीं लगता कि ये कोई पैरामीटर होना चाहिए। इसलिए, कई चीजों की वजह से क्राइसिस चल रही है।”
रणदीप ने ये भी बताया कि फिल्में फ़ॉर्मूले वाली हो गई हैं। उन्होंने कहा, “फिल्म मेकिंग नहीं, बल्कि अब फिल्मों का एग्जीक्यूशन बहुत हो रहा है। हमने खुद को थोड़ा अलग-थलग कर लिया है। प्रयोग के लिए बहुत कम जगह बची है।” उन्होंने आगे कहा, “एक्सपेरिमेंट अब केवल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही संभव है। हालांकि, मुझे लगता है कि वे उस तरह के सिनेमा की तलाश में भी हैं क्योंकि उन्हें ऑडियंस और सब्सक्रिप्शन चाहिए। ये एक बिजनेस वाली चीज है।”
हुड्डा ने आगे कहा, “कोई तो होना चाहिए जो अपने कदम आगे बढ़ाए, उम्मीद है कि वो मैं ही हूं क्योंकि मैं दोनों ही काम करना चाहता हूं। मैं कुछ एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश कर रहा हूं और ऐसा विषय चुन रहा हूं जो बड़ी संख्या में लोगों से जुड़ सके।”
इसके अलावा रणदीप ने साल 2024 में आई अपनी फिल्म Swatantrya Veer Savarkar के बारे में भी बात की और बताया कि उन्होंने वो फिल्म क्यों बनाई थी। एक्टर और फिल्ममेकर रणदीप हुड्डा ने कहा कि ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ के साथ, वो स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के जीवन को तलाशना चाहते थे, जिन्हें दुनिया ने गलत समझा है। उन्होंने कहा, “उन्हें (सावरकर को) गलत समझा गया। वो एक गहन विचारक थे, जिसे बहुत से लोग समझ नहीं पाए। मैं इस बात से नाराज था कि हमारे सारे स्वतंत्रता संग्राम को दो-तीन नामों और अहिंसा तक सीमित कर दिया गया, जो कि सच नहीं था। इसने दुनिया के सामने भारत की बहुत कमज़ोर छवि पेश की है, जो हम नहीं हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि अगर कोई हमारे गाल पर थप्पड़ मारे तो हम उसका चेहरा तोड़ सकते हैं।”
इस बातचीत के दौरान हंसल मेहता ने अपने साल हुए शिवसेन द्वारा बुरे बर्ताव के बारे में भी बताया। जिससे वो पूरी तरह टूट गए थे। इसके बारे में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…