बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा जल्द सनी देओल के साथ फिल्म ‘जाट’ में दिखाई देने वाले हैं, जो 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। हाल ही में इस मूवी का ट्रेलर जारी किया गया था, जिसमें एक्टर विलेन के किरदार में नजर आए। अब उनके फैंस उन्हें मूवी में देखने के लिए एक्साइटेड हैं। बता दें कि इससे पहले उन्होंने ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में काम किया था, जिसके निर्देशक वह खुद थे।

इस मूवी में रणदीप हुड्डा ने ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ का ही किरदार निभाया था। अब एक्टर ने फिल्म से जुड़े कई किस्से शेयर किए हैं और बताया है कि कैसे फिल्म का निर्माण करते समय उनके कुछ शुभचिंतकों ने उन्हें यह मूवी न बनाने की सलाह दी थी।

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सावरकर को गलत समझा गया

दरअसल, अभिनेता रणदीप हुड्डा और फिल्म निर्माता हंसल मेहता शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की सीरीज एक्सप्रेसो के छठे संस्करण में शामिल हुए। इस दौरान रणदीप ने साल 2024 में रिलीज हुई फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ बनाने के अपने कारणों के बारे में बात की और खुलासा किया कि कुछ शुभचिंतकों ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी थी।

अभिनेता-फिल्म निर्माता ने कहा कि स्वातंत्र्य वीर सावरकर के साथ, वह स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के जीवन को तलाशना चाहते थे, जिन्हें दुनिया ने ‘गलत समझा’ है। उन्होंने कहा, “उन्हें (सावरकर को) गलत समझा गया। वह एक गहन विचारक थे, जिसे बहुत से लोग नहीं समझ पाए। मुझे इस बात पर गुस्सा आया कि हमारे सारे स्वतंत्रता संग्राम को दो-तीन नामों और अहिंसा तक सीमित कर दिया गया, जो कि सच नहीं था। इसने दुनिया के सामने जो किया है, उससे भारत की छवि बहुत कमजोर हुई है, जो हम नहीं हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि अगर कोई हमारे गाल पर थप्पड़ मारे तो हम उसका चेहरा तोड़ सकते हैं।”

मूवी न बनाने की दी थी सलाह

रणदीप ने बताया कि स्वातंत्र्य वीर सावरकर की तैयारी के लिए उन्होंने हिंदुत्व नामक किताब पढ़ी थी। उन्होंने कहा, “मैं हैरान था कि यह आदमी क्या कह रहा है। सावरकर भी अहिंसा के समर्थक थे, लेकिन उन्हें पता था कि दुनिया में सब कुछ अच्छा नहीं है, बल्कि हत्यारे भी हैं। उन्हें लगा कि अहिंसा में आत्मरक्षा कहां है। इसलिए मैंने उनकी कहानी बताने का बीड़ा उठाया। मुझे इसके लिए बहुत सराहना मिली।” बातचीत के दौरान रणदीप हुड्डा ने यह भी बताया कि कुछ शुभचिंतकों ने उन्हें स्वातंत्र्यवीर सावरकर को ऐसा न करने की सलाह दी थी।

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रणदीप ने कहा, “बहुत से लोगों ने मुझे इस तरह के विषय में शामिल न होने के लिए कहा, जिसने मुझे उनके बारे में और अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। जब मैंने इसे लिया, तो मुझे कहीं न कहीं पता था कि इसका बहुत विरोध होने वाला है और ऐसा हुआ कि यह चुनावों के दौरान रिलीज हुई, जबकि मैं चाहता था कि यह उससे लगभग छह महीने पहले रिलीज हो। क्योंकि यह चुनावों में रिलीज हुई, इसलिए इसे एक प्रचार फिल्म के रूप में पेश किया गया। मैं बस हैरान था, यह सोचकर कि कौन अपना घर बेच सकता है और एक फिल्म बनाने के लिए 32 किलो वजन कम कर सकता है। मैं उस देशभक्त से मिलना चाहता हूं।”

एक्टर ने आगे कहा, “जब मुझे इसके लिए कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी, तो मैंने लोगों से कहा कि अगर मैंने नेहरू के बारे में कोई फिल्म बनाई होती, तो मैं यथासंभव ईमानदार होता और उसी तरह का प्रयास करता।