बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर का उनके पिता के साथ रिश्ता बहुत अच्छा नहीं रहा है ये सभी जानते हैं। रणबीर कपूर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने पिता के साथ अपने रिश्तों पर खुलकर बात की है। निखिल कामथ के पोडकॉस्ट WTF में पहुंचे रणबीर ने पहली बार इतना ओपनली इंटरव्यू दिया है। रणबीर ने इस बातचीत के दौरान कई ऐसी बातें कही हैं जिसे सुनकर लोग हैरान हैं।

पिता ऋषि कपूर के बारे में बात करते हुए रणबीर ने कहा, ”मेरे पिता शॉर्टटेम्पर्ड थे लेकिन बहुत अच्छे आदमी थे। वो ऐसे थे जिन्हें अपने परिवार से बहुत प्यार था। उन्हें अपने काम, अपने खाने और अपने एल्कोहल से प्यार था। वो बहुत ओपन पर्सन थे। मैंने कभी उनकी आंखों का रंग नहीं देखा।”

रणबीर ने कहा कि मैं हमेशा उनके सामने सिर झुकाकर रहता था। मैंने कभी उन्हें ना नहीं कहा, मैं उनसे बहुत डरता था। एनिमल में मेरा किरदार अपने पिता से ऑबसेस्ड था और मैं डरता था अपने पिता से। वो कभी हमपर चीखे नहीं, कभी हाथ नहीं उठाया, मगर आसपास उनका मूड बहुत अस्थिर रहता था इसलिए मुझे उनसे डर लगता था।

रणबीर ने आगे कहा, ”मेरे माता-पिता की बहुत गंदी लड़ाई होती थी, हम एक बंगले में रहते थे, और मैंने अपना बचपन सीढ़ियों पर उनकी लड़ाईयां सुनते हुए बिताया है। इसलिए मैं हमेशा उनसे थोड़ा डरता था। वो दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन बहुत ही रफ पैच से गुजर रहे थे। मेरे पिता एक्सप्रेसिव नहीं थे, इसलिए मैंने कभी उनका प्वाइंट ऑफ व्यू नहीं सुना। उन्होंने मुझसे भी कभी अपना प्यार नहीं जताया, मेरा हाथ नहीं पकड़ सके कभी, वो मुझे कभी गले नहीं लगा सके। वो गले लगाते थे तो वो ऐसा होता था कि वो मुझे पैट करते थे, इमोशनली कभी मुझे हग नहीं किया। मुझे पता है वो मुझसे प्यार करते थे, मेरी केयर करते थे।”

रणबीर ने कहा, ”अमेरिका में मैं गया तो वहां मुझे थोड़ा एक्सपोजर मिला। पूरी दुनिया के स्टू़डेंट्स से मिलना बातें करना, अकेले रहना। लेकिन मेरे पिता ने मुझे बहुत टाइट बजट में रखा। मैं बहुत प्रिवलेज बैकग्राउंड से आता हूं फिर भी मेरे पास पैसे नहीं रहते थे। मुझे इतना मिलता था कि मैं मैकडॉनल का लंच और डिनर अफॉर्ड कर पाता था। ये ऐसा रहता था 2 डॉलर लंच के लिए और 2 डॉलर डिनर के लिए। ये बहुत स्ट्रिक्ट था जबकि मैं अच्छे और अमीर परिवार से आता था।”

रणबीर ने आगे बताया, ”मैं जब वापस आया और संजय लीला भंसाली को असिस्ट करने लगा। मैं ब्लैक में असिस्टेंट डायरेक्टर था। उन्होंने मेरी कार ले ली, जिससे मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ट्रैवेल करूं। मुझे कोई पॉकेट मनी नहीं मिलती थी। ये कोई जिंदगी नहीं थी।”

रणबीर ने कहा, ”मां के साथ मेरा बहुत अच्छा रिश्ता है, पिता के साथ बहुत अच्छा रिश्ता नहीं था। दूरियां थीं, लेकिन प्यार और रिस्पेक्ट थी। फनी है लेकिन मैं अपने पिता के निधन पर नहीं रोया। डॉक्टर ने मुझे बताया था कि ये उनकी आखिरी रात है, मैं अस्पताल में था। डॉक्टर ने कहा , ये रात उनकी आखिरी रात होगी, कभी भी कुछ भी हो सकता है। मुझे याद है मैं रूम में गया, मुझे पैनिक अटैक हो गया। मुझे नहीं पता था मैं कैसे अपनी भावनाएं व्यक्त करूं? कैसे रिएक्ट करूं? लेकिन मुझे नहीं लगता मैं दुखी था, मुझे नहीं लगता मैं लॉस को समझ पाया। अपने पैरेंट्स में से एक को खोना बहुत बड़ी बात है, मगर ऐसा हुआ नहीं। मुझे उतना ही गिल्ट हुआ जितना उन्हें महसूस हुआ था, जब वो जा रहे थे। क्योंकि वो एक साथ जो हमने साथ बिताया था न्यूयॉर्क में जब उनका ट्रीटमेंट चल रहा था। वो अक्सर उस बारे में बात करते थे। एक दिन वो मेरे रूम में आए और रोने लगे। मेरे सामने उन्होंने वो वीकनेस कभी नहीं दिखाई थी। मेरे लिए ये बहुत ऑकवर्ड था, क्योंकि मुझे नहीं समझ आ रहा था कि उन्हें पकड़ना चाहिए या उन्हें हग करना चाहिए। और मुझे दूरी का एहसास हुआ। मुझे इस बात का गिल्ट हुआ कि मैंने दूरियां खत्म नहीं होने दीं और जाकर उन्हें गले नहीं लगाया और उन्हें प्यार नहीं दे सका। मुझे इस बात का गिल्ट है।”

रणबीर के इस इंटरव्यू पर लोग मिली जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई रणबीर की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जो अब इस दुनिया में नहीं हैं उन्हें लेकर निगेटिव बातें क्यों बोल रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है, ” कोई अपने माता-पिता के बारे में नकारात्मक बातें कैसे कर सकता है, जब वह आस-पास न हो। नीतू और ऋषि जी ने कभी भी इन बातों का खुलासा नहीं किया। यह रणबीर की ओर से बिल्कुल अनुचित है। यह निश्चित रूप से प्यार नहीं है।”

एक यूजर ने लिखा है, ”समय के साथ मैं धीरे-धीरे सीख रही हूँ… चाहे आपकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो… कभी-कभी आप अपने माता-पिता को इस दुनिया से जाने से पहले ही खो देते हैं… या हो सकता है कि आपको अपने माता-पिता कभी भी पर्याप्त रूप से या बिल्कुल भी नहीं मिल पाते, चाहे वे कितने भी साल क्यों न जीएँ…. कभी-कभी आप अपने पूरे जीवन में अकेले रह जाते हैं, चाहे आपके माता-पिता शारीरिक रूप से मौजूद हों या नहीं…. यह मेरे लिए बहुत प्रासंगिक है…. मुझे लगता है कि मैं अकेली नहीं हूँ जिसे पिता की समस्या है… जो लोग इस बारे में खुलकर बात करते हैं, उनका दिल वाकई पारदर्शी होता है… इसे साझा करने के लिए रणबीर का धन्यवाद।”

वहीं एक यूजर ने लिखा है, ”उनकी माँ का दर्दनाक जीवन.. कोई आश्चर्य नहीं कि वह अब अपने पति की मृत्यु के बाद अपनी शर्तों के अनुसार, मुस्कुराते हुए अपना जीवन जी रही हैं।”