राम मंदिर की जमीन खरीद में कथित घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने आरोप लगाया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए में खरीदी गई ज़मीन महज़ कुछ ही मिनटों के बाद 18.5 रुपए में खरीदी गई। अब सपा नेता आईपी सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा है कि बीजेपी के लोग राम मंदिर निर्माण के लिए ज़मीन का पैसा खा गए।
आईपी सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर किए गए एक ट्वीट में लिखा, ‘भक्त कश्मीर में प्लॉट खरीदते रह गए और भाजपाई राम मंदिर निर्माण तक में ज़मीन का पैसा खा गए।’
आईपी सिंह ने एक और ट्वीट किया जिसमें वो लिखते हैं कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। सपा नेता ने लिखा, ‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी द्वारा सदन में कही गई बात आज सत्य हो गई। यह चंदाजीवी सरकार है। श्रीराम के नाम पर चंदा जुटा लूट-पाट में जुटे भाजपाई। सीबीआई जांच होनी चाहिए इस पूरे प्रकरण की।’
भक्त कश्मीर में प्लॉट ख़रीदते रह गए और भाजपाई राम मंदिर निर्माण तक में ज़मीन का पैसा खा गए।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 14, 2021
इधर राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने भष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। एक वक्तव्य जारी कर उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने जितनी जमीन खरीदी है, वो खुले बाज़ार की कीमत से बहुत कम मूल्य पर खरीदी है।
आपको बता दें सपा नेता पवन पांडेय ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अयोध्या में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘राम जन्मभूमि की ज़मीन से लगी एक ज़मीन पुजारी हरीश पाठक और उनकी पत्नी ने 18 मार्च की शाम सुलतान अंसारी और रवि मोहन को दो करोड़ रुपए में बेची थी। वही जमीन कुछ मिनट के बाद चंपत राय ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से 18.5 करोड़ रुपए में खरीद ली। मैं भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा हूं। ऐसी कौन सी वजह थी कि उस ज़मीन ने 10 मिनट के अंदर सोना उगल दिया।’
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने भी राम मंदिर निर्माण की जमीन खरीद मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। लखनऊ में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जहां उन्होंने मांग की कि इस मामले की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच हो और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कारवाई हो।