कपूर खानदान बॉलीवुड की सबसे पुरानी फैमिली है, इंडस्ट्री में जिसका बोलबाला पिछली चार पुश्तों से हैं। पृथ्वी राज कपूर से राज कपूर, फिर ऋषि कपूर और अब रणबीर कपूर बॉलीवुड में अपना सिक्का जमा चुके हैं। कपूर खानदान में कई और चिराग रहे हैं। इसमें रणधीर कपूर और राजीव कपूर (Rajiv Kapoor) भी शामिल हैं। राजीव और रणधीर का फिल्मों में खास करियर नहीं रहा है। ऐसे में आज हम आपको राजीव कपूर के बारे में बता रहे हैं। उनकी लाइफ में एक फिल्म ऐसी रही है, जिसकी वजह से पिता के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए। चलिए बताते हैं…

राजीव कपूर के बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 25 अगस्त, 1962 को हुआ था। वहीं 9 फरवरी, 2021 को उनका निधन हो गया था। आज वो भले ही इस दुनिया में नहीं हैं मगर उन्हें फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए जाना जाता है। हालांकि, इससे वो अपनी खास पहचान नहीं बना पाए थे और सारी लाइमलाइट एक्ट्रेस मंदाकिनी ने चुरा लिया था। ऐसे में इस बात को बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि उनकी पिता राज कपूर से कम बनती थी और इस अनबन की वजह भी ये फिल्म ही रही थी।

मंदाकिनी ने लूटी लाइमलाइट, राजीव कपूर को नहीं पची बात

जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना। राजीव कपूर और राज कपूर की खास बनती नहीं थी। उनका फिल्मी करियर भाइयों और पिता की तरह सफल नहीं रहा था। लेकिन वो किसी ना किसी वजह से चर्चा में रहा करते थे। उन्होंने साल 1985 में फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ से डेब्यू किया था। फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी। लेकिन, एक्टर को इसका फायदा नहीं मिल पाया था। इसे राज कपूर द्वारा निर्देशित किया गया था। फिल्म को आज भी राज कपूर के डायरेक्शन और मंदाकिनी की एक्टिंग के लिए जाना जाता है। इसमें राजीव का किरदार कहीं छुप सा गया था। इसके लिआ राजीव अपने पिता को दोषी मानते थे।

बतौर असिस्टेंट किया पिता के साथ काम

बताया जाता है कि वो ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद चाहते थे कि उनके पिता उन्हें लेकर एक और फिल्म बनाएं और उन्हें लीड एक्टर का रोल दें। ताकि वो भी स्टार बन जाएं। लेकिन राज कपूर ने ऐसी फिल्म बनाने से इनकार कर दिया था और फिल्म इसी वजह से पिता-बेटे के अनबन की वजह बनी थी। राजकपूर ने हमेशा से ही उन्हें असिस्टेंट के तौर पर रखा था। यूनिट का सारा काम करते थे, जो एक असिस्टेंट और स्पॉटबॉय करता है।

आखिरी समय में नहीं देखा पिता का चेहरा तक

बाप-बेटे (राज कपूर-राजीव कपूर) के बीच अनबन इस कदर हो गई थी कि राजीव पिता राज कपूर के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार तक में नहीं गए थे। उन्होंने अंतिम घड़ी में पिता का चेहरा तक नहीं देखा। बहरहाल, अगर राजीव की अन्य फिल्मों की बात की जाए तो उन्होंने ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद राजीव कपूर ने ‘लवर ब्वॉय’, ‘अंगारे’, ‘जलजला’, ‘शुक्रिया’, ‘हम तो चले परदेस’ जैसी फिल्मों में काम किया था।