जाने-माने थियेटर एक्टर और बॉलीवुड स्टार रजत कपूर का मानना है कि समय के साथ चलना और ताल-मेल बनाए रखना जरूरी है। रजत ने कहा कि वह खुद को आज की युवा पीढ़ी से बिल्कुल भी अलग-थलग महसूस नहीं करते हैं। अभिनेता ने कहा कि उनके बच्चे उन्हें हर बात की जानकारी देते रहते हैं। मुंबई से समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ फोन पर हुई बातचीत में रजत ने कहा, मैं खुद को आज की युवा पीढ़ी से अलग-थलग नहीं मानता। मेरे बच्चे मुझे हर चीज की जानकारी देते रहते हैं। मैं खुद भी सोशल मीडिया पर थोड़ा समय बिताता हूं, ताकि मैं नई चीजों से अवगत रह सकूं।
रजत फिल्टरकॉपी के वीडियो ‘इफ पेरेंट्स बीहेव्ड लाइक अस’ में नजर आ चुके हैं, जिसका निर्माण डिजिटल मीडिया कंपनी पॉकेट एसेस ने फर्लेको के साथ मिलकर किया है। इस वीडियो में शीबा चड्ढा भी हैं। इसमें दर्शाया गया है कि अगर माता-पिता भी आज की युवा पीढ़ी की तरह व्यवहार करें, तो स्थिति क्या होगी? रजत ने कहा, मुझे नहीं पता कि ऐसे माता-पिता हैं या नहीं। मैं यह भी नहीं जानता कि यदि माता-पिता ऐसा व्यवहार करें तो बच्चों की प्रतिक्रिया क्या होगी। लेकिन यह रोमांचक रहा।
बता दें कि रजत कपूर ने दिग्गज नाटककार विलियम शेक्सपियर के चार नाटकों का रूपांतरण कर मंचन कराया है। लेकिन अभिनेता-फिल्म निर्माता की उनके नाटकों पर फिल्म बनाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि निर्देशक विशाल भारद्वाज उनके नाटकों पर काफी फिल्में बना रहे हैं। कपूर ने ‘हेमलेट’, ‘किंग लीयर’, ‘मैकबैथ’, और ‘एज यू लाइक इट’ का मंच के लिए क्रमश: ‘द क्लोन किंग’, ‘नथिंग लाइक लियर’, ‘वाट्स डन, इज डन’ और ‘आई डोंट लाइक इट एज यू’ नाम से रूपांतरण किया है।
फिल्म के मोर्चे पर भारद्वाज ने शेक्सपियर की रचनाओं मैकबैथ पर मकबूल, ओथेलो पर ओमकारा और हेमलेट पर हैदर का निर्माण किया है। कपूर ने कहा कि फिल्म और रंगमंच दो अलग विधाएं हैं। ऐसे में एक नाटक में जो काम हो सकता है उसे पर्दे पर नहीं उतारा जा सकता। कपूर ने कहा कि मैं शेक्सपियर के नाटकों पर फिल्म नहीं बनाना चाहता।