संसद के दोनों सदनों में कई शब्दों के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है और इन्हें असंसदीय घोषित कर दिया गया है। लोकसभा सचिवालय ने अंससदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत कुछ शब्दों और वाक्यों की एक सूची तैयार की है, जिन्हें संसद में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। संसद में जारी की गई इस नई गाइडलाइन को लेकर फिल्म एक्टर राज बब्बर ने तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि अब कहने-सुनने की आजादी केवल सड़क पर है।

राज बब्बर ने लिखा,”कहने सुनने के लिए अब बस सड़क आजाद है, संसद में तो शब्दों पर पाबंदी लग गई। इस तरह की पाबंदी से नुकसान तो आम जनता का है, फायदा किसका है?” राज बब्बर के इस ट्वीट पर तमाम लोगों ने टिप्पणी की है। मोहम्मद रफीक ने लिखा,” संविधान पढ़ो और आगे बढ़ो। ऐसी पाबंदियों से हीरो डरा नहीं करते।” राम कृष्णा ने लिखा,”आप तो सड़क के लायक भी नहीं रहे, पहले तपस्या करो।”

क्या है मामला? आपको बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने एक नई बुकलेट जारी की है, जिसमें ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’, ‘चंडाल चोकड़ी’, ‘जयचंद’, ‘शकुनि’, ‘लॉलीपॉप, ‘गुल खिलाए’, ‘पिट्ठू’ जैसे कई शब्दों को असंसदीय बताया गया है। जिसका मतलब है कि इस प्रकार के शब्दों को संसद में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अगर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सदस्य इन असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें संसद की कार्यवाही से बाहर कर दिया जाएगा।

इन शब्दों पर लगा बैन: इनके अलावा अराजकतावादी, तानाशाह, तानाशाही, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और खून से खेती, दोहरा चरित्र, नौटंकी, ढिंडोरा पीटना और बहरी सरकार, गद्दार, गिरगिट, घड़ियाली आंसू, अपमान, असत्य, अहंकार, करप्ट, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागिरी, बेचारा, बॉबकट, विश्वासघात, संवदेनही, मूर्ख, सेक्सुअल हॉरसमेंट जैसे शब्दों को असंसदीय शब्दों में सूचीबद्ध किया है।

अंग्रेजी के ये शब्द भी नहीं इस्तेमाल कर सकते: Bloodshed, Bloody, Betrayed, Ashamed, Abused, Cheated, Chamcha, Chamchagiri, Chelas, Childishness, Corrupt, Coward, Criminal,Crocodile tears Disgrace, Donkey, Drama, Eyewash, Fudge, Hooliganism, Hypocrisy, Incompetent, Mislead, Lie, Untrue।

गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय ने अंससदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत कुछ ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है। जिन्हें लोकसभा और राज्यसभा समेत राज्यों की विधानमंडलों में भी असंसदीय करार दिया गया था।