लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग करते हुए किसानों ने 6 घंटे के रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया था। इस आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिला और कई ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया। उत्तर रेलवे के मुताबिक, एक ट्रेन को आंदोलन के कारण रद्द करना पड़ा। रेल रोको आंदोलन पर बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां हमेशा से रेल रोको आंदोलन करती आईं हैं। अगर मोदी सरकार ये लिखित में दे दे कि अब से कोई रेल रोको आंदोलन नहीं होगा तो वो ऐसा नहीं करेंगे।

राकेश टिकैत ने आज तक से बातचीत में कहा, ‘ये तो पहले से ही चलाते आए हैं… राजनीतिक पार्टियां रेल रोको आंदोलन करती आईं हैं। इनसे लिखवा दो कि जो पहला रेल रोको आंदोलन किया वो गलत था, हम भी नहीं करेंगे। इनसे आगे के लिए भी लिखवा दो कि हम जीवन में आगे भी नहीं करेंगे तो भी हम जवाब दे देंगे। इस आंदोलन से हम यही चाहते हैं कि अजय टेनी की गिरफ़्तारी हो, उसे जेल हो और उसका इस्तीफा हो मंत्री पद से।’

इसी बीच राकेश टिकैत से सवाल किया गया, ‘कई लोग कहते हैं कि किसान आंदोलन किसानी के मुद्दे का नहीं रहा। आप प्रधानमंत्री को टारगेट करते हैं।‘ इस बात पर टिकैत ने जवाब दिया, ‘सरकार ही उसी की है, मोदी की… तो टारगेट किसको करें? टारगेट आडवाणी को करूं? जो बंद हैं, हाउस अरेस्ट में हैं, उनको टारगेट करूं?’

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने आगे कहा, ‘एक बयान जरा उनका भी ले लेना प्यार से। आडवाणी हैं, मुरली मनोहर जोशी हैं जो आंदोलन में साथ रहते थे, मंच पर बड़ी बड़ी बातें करते थे, उनके बयान नहीं आते आजकल।’

किसानों का यह रेल रोको आंदोलन अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर किया गया। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के आरोप में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी हो चुकी है। लेकिन किसानों ने मंत्री के पद पर बने रहने को लेकर आपत्ति जताई है और कहा है कि जब तक वो पद पर रहेंगे, निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी।