ईद के मौके पर अपनी फिल्में रिलीज करने वाले सलमान खान ने इस साल भी प्रशंसकों को अपनी नई फिल्म की ईदी दी है। इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म ‘रेस 3’ के साथ वह एक बार फिर दर्शकों के सामने हैं। इस फिल्म में सलमान जरूर हैं। फिल्म के अंत में उन्होंने अपनी शर्ट भी उतारी है, लेकिन फिर भी उनके प्रशंसक इस फिल्म को देखकर सीटी नहीं बजाते और बजाते भी हैं तो बहुत कम। फिल्म में सलमान खान का नाम सिकंदर है। अब देखना है कि यह सिकंदर अपने प्रशंसकों और दर्शकों का दिल जीत पाएगा या नहीं। ‘रेस 3’ की कहानी शुरू में दिलचस्प लगती है लेकिन अंत तक आते-आते यह बेसिर-पैर की हो जाती है। अंत में लगता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाला मामला है। अनिल कपूर इसमें शमशेर सिंह नाम के एक गैंगस्टर बने हैं जो अल-शिफा द्वीप में हथियार बनाने और बेचने का धंधा करता है। शमशेर इलाहाबाद के नजदीक हंडिया गांव (एक जगह फिल्म में इसे हंडिया जिला भी बताया गया है) का रहने वाला है, लेकिन एक नेता के जाल में फंसने से बचने के लिए विदेश भाग जाता है। देखने में वह शरीफ लगता है, लेकिन है एक नंबर का शातिर। वह पेन बम से अपने दुश्मनों को उड़ा देता है। सिकंदर उसका सौतेला बेटा है। उसकी दो और औलादें हैं- सूरज (साकिब सलीम) और संजना (डेजी शाह)। हालांकि अंत में पता चलता है कि शमशेर का असली बेटा कोई और है। शमशेर एक बड़े ब्लैकमेल की योजना बनाता है और उसे अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी वो सिकंदर को सौंपता है क्योंकि वो उसे संजना और सूरज से ज्यादा काबिल समझता है। इतना बता देने के बाद ही यह साफ हो जाता है कि सौतेले भाइयों और बहन के बीच दांव-पेच शुरू होगा। यानी भाई-भाई आपस में टकराएंगे। बहन भी अपने एक भाई से भिड़ेगी। ऐसा होता भी है क्योंकि मामला करोड़ों-अरबों का है, लेकिन इसमें जीतेगा कौन? किसके हाथ लगेगा माल और कौन होगा बेहाल?

फिल्म में कारों और मोटरसाइकिलों से जबर्दस्त स्टंट किए गए हैं। बड़ी-बड़ी महंगी कारें भी उड़ाई गई हैं। फिल्म में भव्यता है। धांसू एक्शन है। मारपीट के दृश्य भी लाजवाब हैं, लेकिन फिल्म में दो ऐसी कमजोरियां हैं जो इसके बड़ी हिट होने में बाधा बनेंगी। एक तो इसकी कमजोर कहानी। दूसरा फिल्म का जज्बाती पहलू भी ठीक से नहीं उभरता है। यह ठीक है कि फिल्म में अंत में एक मां दिखाई गई है, लेकिन सिर्फ मां दिखाने भर से किसी फिल्म में भाव नहीं भरे जा सकते। कुछ और मसाले चाहिए जोकि नहीं हैं। हां, फिल्म में एक दृश्य जरूर ऐसा है जो बॉलीवुड की बहुत कम फिल्मों में दिखता है- वो है अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस और डेजी शाह के बीच का फाइटिंग सीन, जोकि दमदार है। ‘रेस 3’ में सलमान का रोमांटिक सीन कुछ ज्यादा होता तो फिल्म और बेहतर हो सकती थी, लेकिन पटकथा ऐसी है कि जैकलीन से उनका इश्क, इश्क नहीं बल्कि सौदेबाजी लगता है। फिल्म में जैकलीन के हेलिकॉप्टर उड़ाने के भी दृश्य हैं। इससे पता चलता है कि बॉलीवुड की अभिनेत्रियां भी अब हॉलीवुड की राह पर चल रही हैं। वे अब फिल्मों में सिर्फ छुई-मुई बनकर नहीं रहतीं, बल्कि गोली-बम भी चला सकती हैं। ‘एक था टाइगर’ और ‘टाइगर जिंदा है’ में कटरीना कैफ भी बंदूक चलाती दिखी थीं, लेकिन ‘रेस 3’ इस दिशा में कुछ कदम और आगे बढ़ती है।

रेस शृंखला की अब तक की फिल्मों में अनिल कपूर को छोड़कर सारे कलाकार बदल चुके हैं, लेकिन हालिया फिल्म में उनका किरदार पहली दो फिल्मों से कम मनोरंजक है। शराफत उन पर जमती भी नहीं है। फिल्म के अंत तक आते-आते यह भी साफ हो जाता है कि ‘रेस 4’ भी बनेगी और उसमें भी अनिल कपूर होंगे। रेस शृंखला की पहली दो फिल्में अब्बास-मस्तान की जोड़ी ने निर्देशित की थीं। इस बार निर्देशन की बागडोर रेमो डीसूजा के हाथ में थी। अब्बास-मस्तान की जोड़ी की पहली दोनों फिल्मों ने सैफ अली खान को स्टार बनाया था, लेकिन इस फिल्म में रेमो को बना बनाया स्टार मिल गया है यानी सलमान। वह इस फिल्म के निर्माता भी हैं और फिल्म पूरी तरह से उन्ही के कंधों पर टिकी है। ‘रेस 3’ की एक खास बात यह भी है कि इसमें सिनेमा के पर्दे से तकरीबन गायब हो चुके बॉबी देओल भी हैं। उन्होंने फिल्म में सलमान की शर्ट उतारी है और उन्हें टक्कर देते भी नजर आए हैं। हालांकि इस फिल्म का उन्हें कितना फायदा मिलता है, यह तो वक्त ही बताएगा।