बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर राज कुमार (Raj Kumar) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी है फिर चाहे वो ‘सौदागर’ हो या फिर ‘तिरंगा’। फिल्मों में अभिनय के साथ-साथ वो अपने स्टाइल को लेकर भी काफी चर्चा में रहे हैं। उनका स्टाइल और डायलॉग डिलीवर का अंदाज आज भी लोगों के जहन में है। इंडस्ट्री के वो ऐसे अभिनेता रहे हैं, जिन्होंने केवल अपनी शर्तों पर काम किया है। ऐसे में आज हम आपको उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही कोई जानता होगा।
दरअसल, राज कुमार की आज 97वीं बर्थ एनिवर्सरी है और इस मौके पर आपको उनके बारे में बता रहे हैं। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 में लोरलाई, पाकिस्तानी में हुआ था। उन्होंने फिल्मों में केवल अपनी शर्तों पर ही काम किया है। वो 40 के दशक में मुंबई आए थे और यहां पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी करते थे। उनके दोस्त ने उनके व्यवहार और चालढाल को देखते हुए फिल्मों में जाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने साल 1952 में फिल्म ‘रंगीली’ से डेब्यू किया था हालांकि, पहचान 1957 में रिलीज हुई फिल्म ‘नौशेरवां-ए-एदिल’ से मिली थी। इसके बाद 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ में उन्होंने नरगिस के पति का रोल अदा कर सारी लाइमलाइट ही चुरा ली। ये फिल्म उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई।
अपनी शर्तों पर काम करते थे राज कुमार
फिल्मों में एक्टिंग के अलावा राज कुमार अपनी शर्तों पर काम करने के लिए भी जाने जाते थे। उनसे जुड़ा एक किस्सा काफी चर्चा रहा है। उनका मानना रहा है कि फिल्में भले ही फ्लॉप रही हैं मगर वो कभी हारे नहीं। उन्होंने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। एक्टर अपनी फिल्मों के फ्लॉप के बाद पैसे और भी बढ़ा देते थे। इसे लेकर उनका कहना था कि हर फ्लॉप के बाद उनकी फीस में इजाफा हो जाता था। ऐसे में उनके सेक्रेटरी ने फीस बढ़ाने को लेकर पूछा था कि फिल्म तो चली नहीं, वो एक लाख और बढ़ा रहे हैं। ऐसे में इसके जवाब में राज कुमार ने कहा था कि फिल्म चले या ना चले वो फेल नहीं हुए। इसलिए एक लाख और बढ़ेगा।
कुलभूषण पंडित था असली नाम, कभी कम नहीं हुआ रौब
आपको बता दें कि राज कुमार का असली नाम कूलभूषण पंडित है। फिल्मों के साथ-साथ दिवंगत दिग्गज एक्टर का रौब रियल लाइफ में भी कभी कम नहीं हुआ। उनका नाम सुनने के बाद तो रजनीकांत जैसे स्टार्स तक ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। ‘तिरंगा’ नाना पाटेकर से पहले रजनीकांत को ऑफर हुई थी और उन्होंने उनका नाम सुनने के बाद ही काम करने से मना कर दिया था। राज साहब के रौब से जुड़ा एक किस्सा बताते हैं वो अपने नाम की स्पेलिंग में आर के बाद डबल ए लिखते हैं तो एक बार उनके फिल्म के बैनर में मेकर्स डबल ए लगाना भूल गए और फिर रौबीले अंदाज में राज कुमार ने प्रोड्यूसर को फोन किया और कहा, ‘जानी तुमको मालूम नहीं, हमारे नाम की स्पेलिंग में RAJKUMAR नहीं बल्कि RAAJKUMAR लिखा जाता है। अभी इसी समय बैनर चेंज करो।’ राज कुमार ने इसी तरह से अपनी जिंदगी अपनी ही शर्तों पर जी है।