एक्टर आर. माधवन ने हाल ही में बॉलीवुड में रेज़िडुअल्स (Residuals) के ना होने पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हॉलीवुड में एक्टर्स अपनी पुरानी फिल्मों से लगातार कमाई करते रहते हैं, इसी वजह से वे नए और रिस्की प्रोजेक्ट्स लेने में डरते नहीं।

माधवन के मुताबिक, अगर भारत में ऐसा सिस्टम होता, तो सिर्फ तीन हिट फिल्मों – 3 इडियट्स, रंग दे बसंती और तनु वेड्स मनु से ही उनकी आने वाली कई पीढ़ियों का जीवन सुरक्षित हो जाता।

शाहरुख़ खान का उदाहरण

माधवन ने कहा कि शाहरुख़ खान ने अपने करियर की शुरुआत में ही प्रोड्यूसर बनकर समझदारी दिखाई ताकि उनकी फिल्मों से होने वाले प्रॉफिट्स सुरक्षित हों। लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं है। बड़े स्टार्स अपने हाई सैलरी और सुरक्षा की वजह से ऐसा कर पाते हैं, जबकि इंडस्ट्री के बाकी एक्टर्स के पास ऐसी आर्थिक सुरक्षा नहीं होती।

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बॉलीवुड में पेमेंट की समस्या

माधवन ने बताया कि बॉलीवुड में अक्सर पेमेंट में गड़बड़ियां होती हैं और कलाकारों के पास इसे चुनौती देने का समय या संसाधन नहीं होते। जब रेज़िडुअल्स का सिस्टम होगा, तब कलाकार क्रिएटिव और रिस्की प्रोजेक्ट्स करने में निडर होंगे।

हॉलीवुड का उदाहरण

माधवन ने बताया कि दिवंगत अमरीश पुरी का परिवार आज भी स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म से रॉयल्टी पा रहा है। वहीं, आदिल हुसैन ने Star Trek: Discovery में सिर्फ तीन एपिसोड किए थे, लेकिन अब भी उन्हें हर 2-3 महीने में $5,000–$6,000 (करीब 5 लाख रुपये) मिलते हैं।

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रेज़िडुअल्स का मतलब

Residuals या रॉयल्टी का मतलब है कि फिल्म या शो से होने वाली कमाई का हिस्सा हर उस व्यक्ति को मिलता है जिसने उस प्रोजेक्ट में काम किया है, चाहे वह टीवी, ओटीटी या किसी और प्लेटफ़ॉर्म पर हो।

माधवन का मानना है कि अगर भारत में भी ऐसा सिस्टम लागू हो जाए, तो एक्टर्स का भविष्य सुरक्षित होगा और वे अपने मनचाहे प्रोजेक्ट्स में पूरी निडरता से काम कर पाएंगे।

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