Bharat Bandh 2020: किसानों ने आज यानी 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया हुआ है। किसान संगठनों ने आज सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया है। इधर, पुण्य प्रसून बाजपेयी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मोदी मॉडल में किसानों के लिए कोई जगह नहीं है। पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भारत बंद को देश का इम्तिहान भी बताया। बाजपेयी के इस पोस्ट को देख कर ढेरों सारे पब्लिक रिएक्शन सामने आ गए।

अपने ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा- ‘मोदी मॉडल’ में किसानों की कोई जगह नहीं..देश के लिए इम्तिहान है ‘भारत बंद’। इस पोस्ट के साथ एक वीडियो लिंक शेयर किया गया जिसमें पुण्य प्रसून बाजपेयी कहते दिख रहे हैं कि ‘ये देश के इम्तिहान का वक्तहै क्योंकि देश की परिस्थितियां इतनी नाजुक कभी नहीं थीं। देश में बैंक इतने कंगाल कभी नहीं थे। देश में ओद्योगिक उत्पादन इतना कमजोर और नीचे कभी नहीं गिरा था। बेरोजगारी इस हद तक कभी नहीं बढ़ीं थी।’

पुण्य प्रसून बाजपेयी के इस पोस्ट को देख कर कमेंट कर एक शख्स ने कहा- ‘तुम जैसे वामपंथी जेहादी गद्दार को पालने वाले 60 सालों के शासन में हर वर्ष लाखों किसान आत्महत्या करते थे। तुम्हारी कैटेगरी के लोग ये देख कर मौन थे।’ दूसरे ने कहा- ‘लालबहादुर शास्त्री जी का मंत्र था “जय जवान जय किसान”। इस सरकार का मंत्र है “मर जवान मर किसान”। “जवान मरे उनको पीड़ा नही, किसान मरे उनको परवाह नही”। एक यूजर बोला- ‘किसानों की समस्या में बड़ा रस आने लगा। गन्ना किसान अपने बकाया के लिए रोते थे तब तो कभी चोच नहीं खुली। 2 साल पहले कांग्रेस में किसान आंदोलन चलाया था, तब रोज मंडी की रसीदें ट्विटर पर डाली जाती थी, कि हजार किलो टमाटर बेचा हाथ में पैसे आए। हजार रुपए -अब मंडी सुधार नहीं चाहिए।’

एक यूजर ने कहा- ये भारत के इतिहास में देश का पहला ऐसा किसान आंदोलन है जिसके कर्ता-धर्ता बड़े किसान, जमीदार, दलाल, आड़तियां, नकारे गए नेता देश के गरीब मजबूर छोटे किसानों के आत्मनिर्भर होने का उनके परिवार में आने वाली खुशियों का उनकी हैसियत बढ़ने का विरोधी दलों के साथ मिलकर विरोध कर रहा है। एक ने कहा- ‘ मुलायम सिंह जी ने 2019 में कृषि से संबंधित स्टैंडिंग कमेटी में एपीएमसी मॉडल एक्ट में संशोधन को “किसान हितैषी” बताते हुए उसका समर्थन किया था। फिर आज यह राजनीतिक दल भारत बंद का समर्थन किस मुंह से कर रहे हैं, इसका जवाब इन्हें देश की जनता को देना होगा।’