ओटीटी के इस एरा में भी इंडियन टेलीविजन की अपनी अलग जगह है। दर्शक एक्टर्स को पसंद करते हैं, लेकिन टास्क मास्टर, निर्माता को शायद ही कोई याद करता है। हालांकि, निर्माता राजन शाही इस मामले में अलग हैं, उन्हें टीवी निर्माताओं के दिग्गजों में गिना जाता है जिन्होंने सबसे बड़े शो दिए हैं। वह साइलेंट एरा के अभिनेता पी जयराज के पोते हैं, जिन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राजन शाही की हमेशा शोबिज में करियर बनाने में दिलचस्पी थी।

उन्होंने बतौर जूनियर आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया था और वह संजय खान, गुलजार और रवि राय को असिस्ट कर चुके हैं। उन्हें पहला ब्रेक ‘दिल है कि मानता नहीं’ से मिला, जिसमें रूपाली गांगुली भी थीं। अब वो टीआरपी-स्पिनर ‘अनुपमा’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए राजन शाही ने बहुत सी बातें शेयर की।

उन्होंने कहा, “जस्सी जैसी कोई नहीं मेरा पहला डेली सोप था, मैंने इसमें डेढ़ साल तक काम किया और इसके बाद मैंने 18 से 19 शोज किए। साल 2007 में मैंने ‘सपना बाबुल का: विदाई’ में बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू किया। मैंने फिल्मों में भी हाथ आजमाया लेकिन वह अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाईं। पिछले कुछ सालों में एक निर्माता के रूप में मेरी सबसे बड़ी चुनौती यह देखना रही है कि किस तरह के दर्शक मेरा कंटेंट देख रहे हैं।”

शाही ने आगे कहा,”एक निर्माता के रूप में मेरा पहला शो, ‘बिदाई’ काफी सिंपल था। यह उस समय आया था जब कपड़ों और ज्वेलरी को महत्व देने के साथ-साथ एक्टिंग पर जोर दिया जाता था। यह दो नए कलाकारों वाला शो था जो अचानक नंबर वन बन गया। यह स्किन कलर के इर्द-गिर्द एक बहुत ही साधारण सी कहानी थी, जिसने उस समय स्टार प्लस की किस्मत बदल दी।”

उन्होंने अपने सीरियल ‘अनुपमा’ के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा,”अनुपमा उस समय आया और ट्रेंडसेटर बन गा जब हर कोई कह रहा था कि कोविड के बाद टीवी खत्म हो गया है। ‘अनुपमा’ को लगभग 4 साल पूरे हो गए हैं। डेली सोप को लंबे समय तक चलाना पड़ता है क्योंकि उनमें बहुत ज्यादा इन्वेस्ट किया जाता है, लेकिन इससे एक ब्रांड बनाना मुश्किल हो जाता है। आजकल लोग टीवी शोज से नहीं जुड़ रहे हैं। ‘अनुपमा’ एक ऐतिहासिक शो बन गया है, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। मेरे शो हमेशा बदलाव लेकर आए हैं, अनुपमा बच्चों में डायबिटीज, पैनिक अटैक आदि जैसे मुद्दों के बारे में भी है।”

आपको बता दें कि शाही राजन शाही कुछ समय पहले ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के साथ अपने विवाद को लेकर चर्चा में आए थे। इसके  बारे में बात करते हुए शाही ने कहा, “एक्टर्स के साथ मेरे कई विवाद रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कोई भी शो से ऊपर नहीं है, यहां तक कि निर्माता भी नहीं। यह एक क्रिएटिव फील्ड है, इंडस्ट्री में बेस्ट लोगों के साथ हर चीज में उतार-चढ़ाव आता रहता है। मैं हमेशा अपने एक्टर्स की सराहना करता हूं। हालांकि, एक गलत धारणा है कि बहुत से अभिनेता दावा करते हैं कि वे 18 घंटे तक शूटिंग करते हैं। ऐसा कभी-कभी होता है, लेकिन हमेशा नहीं।”

महेश भट्ट की बात मानते हैं राजन शाही

राजन शाही ने बताया कि वह महेश भट्ट को अपना गुरु मानते हैं और उनकी कही बात को हमेशा याद रखते हैं। शाही ने कहा,”मेरे गुरु, महेश भट्ट ने मुझसे कहा था, ‘हमेशा अपने एक्टर्स से प्यार करो, तभी तुम्हें उनकी मेहनत दिखेगी।”

शाही ने ये भी कहा कि टीवी एक्टर्स बड़े-बड़े फिल्मी स्टार्स से महान होते हैं। उनके पास जो दर्शक संख्या है वह अविश्वसनीय है। मोदी जी ने वोकल फॉर लोकल के लिए अनुपमा के साथ एक विशेष अभियान चलाया। यही बड़ी बात है।”