फिल्मी सितारे और उनका ड्रग्स की दुनिया का कनेक्शन आज कोई नई बात नहीं है। ये मामला काफी पुराना है। ड्रग्स केस में संजय दत्त, फरदीन खान, सुशांत सिंह राजपूत जैसे स्टार्स के नाम सामने आते रहे हैं। लेकिन, अब मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस ने किया है। इंडस्ट्री के ड्रग्स से विलीन होने का दावा करने वाली प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि सैंड्रा थॉमस हैं। उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। फिल्ममेकर का कहना है कि फिल्म के बजट से नशे का सामान खरीदा जाता है। फिल्‍म के लिए तय बजट में से ही ‘ड्रग्‍स के पैसे’ भी तय किए जाते हैं। चलिए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।

दरअसल, सैंड्रा थॉमस ने Onmanorama से बात की। इस दौरान उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री और ड्रग्स के तार का खुलासा किया। अपनी बेबाकी को लेकर चर्चा में रहने वाली निर्माता सैंड्रा थॉमस ने आरोप लगाया कि मॉलीवुड में ड्रग्स का सेवन खुले तौर पर किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि कुछ प्रोडक्शन हाउस तो इसके लिए अलग से बजट भी रखते हैं। उन्होंने इस बातचीत में कहा कि एसोसिएशन ड्रग्स की गतिविधियों को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने में असफल रहे हैं और यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है।

सैंड्रा थॉमस ने नसीहत देते हुए कहा, ‘संबंधित एसोसिएशनों को कम से कम पांच या दस साल पहले मॉलीवुड में नशीली दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ उचित कदम उठाना चाहिए था। सेट पर क्या हो रहा है, यह सभी जानते हैं। लेकिन, किसी ने सुधारात्मक कदम नहीं उठाया क्योंकि उन्हें अपने भविष्य के प्रोजेक्ट में इन लोगों की जरूरत है।’

सैंड्रा थॉमस का दावा- नशे के लिए अलग से कमरे अरेंज किए जाते हैं

प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस सैंड्रा ने दावा किया, ‘अब इसके लिए विशेष बजट तक तय किया जाता है। इसके लिए सेट पर अलग से कमरे भी अरेंज किए जाते हैं। हालांकि, एसोसिएशन का कहना है कि सिर्फ़ एक या दो लोगों की वजह से पूरी इंडस्ट्री को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मैंने कुछ दिन पहले लिस्टिन को ऐसा बयान देते सुना था। तो, क्या लिस्टिन जैसे लोगों को ऐसी समस्या के बारे में नहीं पता है? क्या उन्हें नहीं पता कि ड्रग्स खुलेआम मिल रहे हैं और सेट पर उनका इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने इसके खिलाफ कोई कदम उठाने से इनकार कर दिया।’

निर्माता शिकायत दर्ज कराने से कतराते हैं- सैंड्रा थॉमस

इतना ही नहीं सैंड्रा आज के हाल को बयां करते हुए कहती हैं, ‘आज का आलम ये हो गया है कि फिल्म इंडस्ट्री अब उस स्थिति में पहुंच गई है, जहां पुरुष और महिलाएं और हर कोई, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो, इसका इस्तेमाल करता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म सेट पर पुलिस की कार्रवाई आसान नहीं हो सकती है। अंत में सैंड्रा थॉमस ने कहा, ‘निर्माता शिकायत दर्ज कराने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके प्रोजेक्ट्स रुक जाएंगे। अगर कोई सेट पर पकड़ा जाता है तो शूटिंग रुक जाती है। इससे अभिनेता की साख भी खराब होती है। अगर उसकी साख खत्म हो जाए तो उसके साथ फिल्म करने का क्या मतलब है?’

ये हैं सैंड्रा थॉमस की फिल्में

बहरहाल, अगर सैंड्रा थॉमस की प्रोफेशनल लाइफ की बात की जाए तो उन्होंने अपने करियर में ढेरों फिल्मों में काम किया है। उन्होंने फिल्मों में एक्‍टर और फिल्‍ममेकर विजय बाबू के साथ ‘फ्राइडे फिल्म हाउस’ से एंट्री मारी थी। हालांकि, 2017 में उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया। बाद में उन्होंने ‘सैंड्रा थॉमस प्रोडक्शंस’ शुरू किया और अपने बैनर तले ‘नल्ला नीलावुल्ला राथ्री’ (2023) फ‍िल्‍म बनाई। जबकि इससे पहले विजय बाबू के साथ मिलकर वह ‘फ्राइडे’ (2012), ‘जचरियायुडे गर्भिनिकल’ (2013), ‘फिलिप्स एंड द मंकी पेन’ (2013), ‘पेरुचाझी’ (2014), ‘आडू’ (2015) और ‘आदि कप्यारे कूटमणि’ (2015) जैसी फिल्में कर चुकी हैं।

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