राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष की तरफ से साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की है। ट्विटर पर एक पत्र लिखकर यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें।’ यशवंत सिन्हा के इस ट्वीट पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने तंज कसा है।

अशोक पंडित ने यशवंत सिन्हा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कमाल है! जिसकी खुद की अंतरात्मा मर चुकी है वो दूसरों को अंतरात्मा की आवाज सुनने को कह रहा है! अंतरात्मा की आवाज सुनकर तो आपको कोई वोट नहीं देगा! हारने के बाद कौन सी पार्टी जॉइन करनी है वो सोच लीजिए!’

लोगों की प्रतिक्रियाएं: एक यूजर ने लिखा कि ‘हारने के बाद ये फिर वापस जाकर वहीं करेंगे जो पहले से कर रहे थे। वैसे रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए।’ सिंटू सिह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये T.M.C के कार्यकर्ता थे, फिर से TMC के कार्यकर्ता बन जाएंगे।’ मनोज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘पार्टी कोई भी चलेगी, बस बुलावा आना चाहिए।’

अजीत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या गलत कहा यशवंत सिन्हा जी ने, लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्याशी को वोट मांगने का अधिकार है जीत या हार बाद की बात है,। कृपया राष्ट्रपति चुनाव में भाषा की मर्यादा बनाये रखें, इसे गांव के सरपंच का चुनाव ना बनाएं।’ गौतम झा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या हम इतने स्तरहीन हो गए हैं कि एक पढ़े लिखे इंसान को छोड़कर सिर्फ इसलिए द्रौपदी मुर्मू को चुन रहे हैं क्योंकि वो महिला आदिवासी समाज से आती हैं?’

हिमांशु अग्रवाल ने लिखा कि ‘अंतरात्मा की आवाज़ सुनने को ना कहो माननीय, कही ऐसा न हो जाए कि जो वोट मिलने वाले हैं, वो भी कही और चले जाएं।’ रमाकांत राय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यदि अंतरात्मा की आवाज सुनकर निर्णय करना है तो यह कहने का कोई अर्थ नहीं है कि “मुझे वोट दें”। तब वह स्वतंत्र होकर चुनाव करेंगे और ऐसा हुआ तो बड़ी संख्या में क्रॉस वोटिंग होगी। आपकी हार का अंतर बड़ा होगा।’

बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। विपक्ष की तरफ से साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बनाया गया है जबकि एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। द्रौपदी मुर्मू के जीत की संभावना सबसे अधिक जताई जा रही है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव भी होने वाला है।