बहुचर्चित मुंबई के कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में एनसीबी के प्रमुख गवाह प्रभाकर सेल की अचानक मौत से हर कोई हैरान है। प्रभाकर के वकील तुषार खंडारे ने बताया कि चेंबूर स्थिति आवास पर ही दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। प्रभाकर सेल ने ही NCB मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर 25 करोड़ रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था और अपनी पहचान केपी गोसावी का बॉडीगार्ड और ड्राईवर के तौर पर बताया था।

कौन था केपी गोसावी?: केपी गोवासी की सेल्फी आर्यन खान के साथ उस वक्त वायरल हुई थी, जब गिरफ्तारी के बाद आर्यन खान को एनसीबी ऑफिस लाया गया था। प्रभाकर सेल ने ड्रग केस को लेकर कहा था कि, गोसावी ने क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद एक शख्स से 50 लाख रुपये लिए थे। अब प्रभाकर की मौत के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

लोगों की प्रतिक्रियाएं: हरजीत कौर नाम की यूजर ने लिखा कि “कोई यकीन नहीं करेगा कि यह मौत है, यह मर्डर है।” नितिन नाम के यूजर ने लिखा कि “इसमें पैसे का खेल साफ-साफ दिखाई दे रहा है।” देवेंद्र गुप्ता नाम के यूजर ने लिखा “ऐसा लगता है जैसे सुशांत सिंह राजपूत का केस दोहराया गया है।” भावेश नाम के यूजर ने लिखा कि “ये गवाह ही क्यों मरते हैं? अब बड़े केसों में गवाह ही खत्म। स्कैम, रेप,मर्डर वाले केसों में यह होता है।”

जितेन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि “पैसे वालों ने गवाह का मुंह हमेशा हमेशा के लिए बंद किया।” प्रदीप कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “यह तो होना ही था, बहुत देर हो गई।” मोहम्मद एजाज नाम के यूजर ने लिखा कि “ऐसा तो फिल्मों में होता है, गुनाहगार लोग, मुजरिम लोग, अपने जुर्म को छुपाने के लिए अक्सर गवाह को बड़ी ही सफाई से साफ कर देते हैं, ऐसा ही कुछ लग रहा है।”

अंजू राणा नाम की यूजर ने लिखा कि “ये सब खेल महाराष्ट्र में ही चल रहा है, पिछले कई सालों से, जान ले ली इसकी भी।” विजयकांत झा नाम के यूजर ने लिखा कि “सम्पूर्ण भारत में कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि असमाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस को सूचना देने, गवाही देने से लोग बच रहे हैं।” कुमार सतेन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि “ऐसा अक्सर ही होता है। म.प्र. में व्यापम घोटाले के भी कई गवाह इसी तरह हार्टअटैक से या आत्महत्या कर चल बसे।”

सोनू सरकार नाम के यूजर ने लिखा कि “सरकार जांच करे ,गवाह को ही मार दिया गया ताकि स्टार किड्स को दिक्कत न हो।” मुकुंद नाम के यूजर ने लिखा कि “फर्जी तरीके से फंसाने की पोल ना खुल जाए इसलिए मरवा दिया।” कुलवंत राणा नाम के यूजर ने लिखा कि “कहीं ये विकास दूबे की तरह ठिकाने तो नहीं लगा दिया गया।”