भारतीय अभिनेता, गायक, गीतकार और संगीत निर्देशक पीयूष मिश्रा अपने हर किरदार को बखूबी निभाते हैं। हर कोई उनकी एक्टिंग का दीवाना है, लेकिन शायद ही कोई उनकी निजी जिंदगी के बारे में जानता है। पीयूष मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जन्मे थे। बचपन से ही उनकी रुचि कला में थी। उनका परिवार इसके खिलाफ था, जिसके कारण वह कई बार खुद को चोट पहुंचा चुके हैं। उन्होंने ‘जिद’ करने के बाद साल 1983 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ज्वाइन किया और 1986 तक शिक्षा हांसिल की।
पीयूष मिश्रा 20 साल तक दिल्ली में रहे और उन्होंने करियर के शुरुआती दिनों में कई नाटक किए। इस दौरान उनके कई दोस्त बने, लेकिन उनकी शराब पीने की बुरी आदत के कारण हर कोई उनसे परेशान था।
पीयूष मिश्रा को शायद ही कभी अपने विचारों और भावनाओं, अपने व्यक्तिगत विश्वासों व लड़ाइयों के बारे में खुलकर बोलते देखा गया है। लेकिन साल 2019 में एक इंटरव्यू के दौरान पीयूष ने दर्शकों को अपने एक अलग पहलू से रूबरू करवाया।
शराब की लगी थी बुरी लत: पीयूष मिश्रा ने बताया कि एक वक्त था, जब वह शराब के आदी हो चुके थे। इसका बुरा असर उनके परिवार पर भी पड़ा था। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए परेशानियों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। शराब की बुरी आदत के साथ कई और भी बातें थी, जिसके कारण सब बिखर सकता था। बावजूद इसके उनकी पत्नी कभी उनसे दूर नहीं हुईं और उन्होंने काफी मुश्किलें भी झेलीं। मिश्रा ने बताया कि अब उन्हें हैरानी होती है कि कैसे वह जिंदा बच गए।
पीयूष मिश्रा ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें डर लगने लगा था कि वह बच पाएंगे या नहीं। वह लाचार थे और खुद को अपराधी मानने लगे थे। उन्होंने बताया कि कब उन्होंने पहली बार शराब पी थी। शराब की इस लत का मेडिकल नाम A303 है। उन्होंने बताया कि वह कभी दिन में शराब नहीं पीते थे, लेकिन रात में सिर्फ शराब ही उनकी दुनिया थी। इस बुरी आदत को वह छोड़ नहीं पा रहे थे।
डॉक्टरों ने भी मान ली थी हार: मिश्रा ने बताया कि शराब छोड़ने के लिए डॉक्टर के पास भी गए थे, लेकिन डॉक्टरों ने हार मान ली थी। फिर साल 2005 में कुछ लोगों ने उन्हें एक संस्था के बारे में बताया, जहां कुछ चरणों का पालन करने से धीरे-धीरे ये लत छूट सकती थी। अगर वह उस वक्त पीछे हट जाते, तो 2009-10 तक उनकी मृत्यु हो सकती थी।