पंकज त्रिपाठी एक लोकप्रिय एक्टर हैं और उनका यहां तक का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने बिहार के एक छोटे से गांव से मुंबई तक का सफर तय किया है और अब उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली और बहुमुखी अभिनेताओं में से एक माना जाता है। वो एक किसान के घर में पैदा हुए थे और यहां तक आने की प्रेरणा उन्हें कहां से मिली इसकी कहानी काफी दिलचस्प है।

एक साधारण किसान परिवार में पले-बढ़े पंकज त्रिपाठी ने एक बार अपने पिता के सामने अजीबोगरीब इच्छा रखी थी। उन्होंने अपने पिता से कहा था कि वो एक ट्रैक्टर का मालिक बनना चाहते हैं। पंकज ने 2019 में एक कार्यक्रम के लिए दिए गए इंटरव्यू में बताया था। उन्होंने कहा था, “जब मैं छोटा था, तो मेरा सपना एक ट्रैक्टर का मालिक बनने का था। मुझे लगा कि मुझे इसकी जरूरत है, खासकर इसलिए क्योंकि मेरे पिता इसे नहीं खरीद सकते थे। लेकिन जिंदगी की योजनाएं कुछ और ही थीं।”

बचपन में, पंकज के परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उनके पिता की कोशिशों के बावजूद, वे ट्रैक्टर नहीं खरीद पाए, एक ऐसा झटका जिसने अनजाने में उनके जीवन की दिशा बदल दी। इस पर विचार करते हुए, पंकज ने कहा, “अगर मुझे ट्रैक्टर मिल जाता, तो आज मैं खेती कर रहा होता। कभी-कभी, जो आप चाहते हैं उसका न मिलना भी एक छिपे हुए वरदान से कम नहीं होता।” इस अधूरी इच्छा ने उन्हें शिक्षा और करियर की आकांक्षाओं की ओर प्रेरित किया और एक्टिंग की दुनिया में आ गए।”

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शुरुआत में, पंकज का सपना एक्टर बनना नहीं था, वो अपने पिता के लिए डॉक्टर बनना चाहते थे। फिर वो पटना गए, जहां उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया, लेकिन जिंदगी को कुछ और ही मंजूर था। अभिनय की दुनिया ने उन्हें आकर्षित किया, और उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि उनका असली जुनून अभिनय में है।

उनका एक्टर बनने का सफर भी आसान नहीं रहा, उन्होंने सबसे पहले थिएटर में हाथ आजमाया, जहां उन्होंने दिन में एक होटल में नौकरी और शाम को एक्टिंग की। कई सालों के संघर्ष और दृढ़ संकल्प के बाद, उन्होंने आखिरकार राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में आवेदन किया, लेकिन उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “एनएसडी में जगह बनाने से पहले मुझे तीन बार रिजेक्ट किया गया।” सफलता की राह आसान नहीं थी, लेकिन उनकी लगन रंग लाई और आखिरकार उन्हें NSD में एडमिशन मिल गया।

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उनका बॉलीवुड का सफर भी उतना ही चुनौतीपूर्ण रहा। अपने करियर के शुरुआती दौर में, पंकज का फिल्मी करियर सीमित था। 2004 से 2007 तक, उन्होंने कुछ ही फिल्मों में काम किया, जिनमें ज्यादातर छोटी भूमिकाएं थीं। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद ही उनके करियर ने सही मायने में उड़ान भरी। पंकज ने बताया था कि उन्होंने दर्जनों विज्ञापनों के लिए ऑडिशन दिए, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। उनकी दृढ़ता और उनकी पत्नी मृदुला का सहयोग, जिन्होंने उनके बुरे दौर में घर चलाने में मदद की, उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता रहा।