बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने सालों संघर्ष किया तब जाकर उन्हें सफलता मिली। साल 2017 में आई फ़िल्म ‘न्यूटन’ में उनके काम को काफ़ी सराहा गया और उन्हें इस फ़िल्म के लिए पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। राजकुमार राव के साथ इस फ़िल्म में पंकज त्रिपाठी के अभिनय की सराहना अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भी हुई। जब पंकज त्रिपाठी को ये खबर मिली कि उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है तो वो इस खबर पर यकीन नहीं कर पाए थे।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

बाद में वो बाथरूम में जाकर रोने लगे थे। इस बात का जिक्र पंकज त्रिपाठी ने दैनिक जागरण को दिए एक साक्षात्कार में किया था। उन्होंने बताया था, ‘जिस दिन मुझे खबर मिली कि राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है तो मैं तो रोया था। मैं सौरभ शुक्ला के साथ लखनऊ के एक होटल में नाश्ते पर बैठा था। मोबाइल मैं अपने कमरे में छोड़ आया था। मेरी पत्नी और बाकी लोग फोन किए जा रहे हैं, मुझे कुछ नहीं मालूम था।’

पंकज त्रिपाठी ने आगे बताया था, ‘घोषणा के 15 मिनट हो चुके थे। जब सौरभ जी ने अपना फोन निकाला और बोले कि अरे.. पंकज तुम्हें तो नेशनल अवॉर्ड मिला है। मैंने कहा- कहां? तो कह रहे हैं खबर आई है। मुझे यकीन ही नहीं हुआ। मैं भागा कमरे में, देखा तो बहुत सारे फोन आए हुए थे। फिर मैं बाथरूम में चला गया, बैठकर रोने लगा अकेले। 5-6 मिनट रोया भी।’

पंकज त्रिपाठी जब संघर्ष कर रहे थे तब एक बार उन्होंने एक्टिंग छोड़ने तक का मन बना लिया था। हुआ ये कि एक फाइट मास्टर ने उन्हें गाली दे दी थी जिससे वो बेहद नाराज़ हुए थे। पंकज त्रिपाठी उन दिनों स्ट्रगलिंग एक्टर थे। किसी फ़िल्म के लिए वो पहली बार एक्शन सीन की शूटिंग कर रहे थे। उन्हें नहीं पता था कि गोली लगने पर कैसा रिएक्शन देना है। इस सीन को शूट करने में कई टेक देने पड़े जिसके बाद फाइट मास्टर ने गुस्से में उन्हें गाली दे दी।

गाली सुनकर पंकज त्रिपाठी इतना नाराज़ हुए कि उन्होंने एक साथी एक्टर से कहा था कि मैं इस आदमी का सिर फोड़कर घर निकल जाऊंगा। एक्टिंग छोड़ दूंगा। तब उस साथी एक्टर ने उन्हें समझाया था कि वो अपने काम पर फोकस करें, एक दिन यही फाइट मास्टर उन्हें सर कहते हुए उनके काम की तारीफ़ करेंगे। और ऐसा हुआ भी। पंकज त्रिपाठी जब सफल होने लगे थे तब उनकी एक फिल्म को देखकर उस फाइट मास्टर ने पंकज त्रिपाठी को सर कहते हुए उनके काम की सराहना की थी।