Panipat Movie Review, Rating, Box Office Collection Updates: निर्देशक आशुतोष गोवारिकर हमेशा से ही लीक से हटकर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं। फिल्म पानीपत में भी उन्होंने ऐसा ही किया और अपने शानदार निर्देशन का लोहा मनवा दिया। आशुतोष ने फिल्म के छोटे से छोटे किरदारों पर काफी मेहनत की है जो कि फिल्म के शुरुआत से लेकर अंत तक साफ नजर आता है।
इस फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के साथ ही जिस किरदार को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा थी वो था संजय दत्त का किरदार। संजय दत्त अहमद शाह अब्दाली के किरदार में खूब जमे और असल माइनों में फिल्म के हीरो साबित हुए। वहीं मराठा योद्धा सदाशिव राव भाऊ के किरदार में अर्जुन कपूर ने भी काफी मेहनत की है जो कि फिल्म में साफ झलकती है। पूरी फिल्म के दौरान मराठी लुक में कृति सेनन काफी खूबसूरत और कन्विंसिंग लग रही हैं।
फिल्म के बाकी कलाकारों पद्मिनी कोल्हापुरी, मोहनीश बहल, सुहासिनी मुले और नवाब शाह ने भी अपने किरदार को सही ढंग से निभाया है। ऐतिहासिक फिल्म होने के कारण फिल्म के कई डायलॉग्ज मराठी भाषा में है जिसके चलते अमराठी भाषियों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। नितिन देसाई का आर्ट डायरेक्शन शानदार है जिन्होंने फिल्म की भव्यता में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं अगर फिल्म में गानों की बात करें तो बड़े पर्दे पर एकबार फिर अजय अतुल की जोड़ी ने फिल्म में शानदार सॉन्ग दिए हैं।


अर्जुन की अब तक की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई हैं। ऐसे में अर्जुन के फैंस को उम्मीदें थीं कि फिल्म पानीपत कुछ कमाल कर दिखाएगी। अर्जुन इस फिल्म में धमाकेदार एंट्री मारकर बॉक्सॉफिस पर नया इतिहास रचेंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हेटर्स कह रहे हैंकि अर्जुन फ्लैट फेस के साथ स्क्रीन पर नजर आ रहे हैं।
फिल्म को फैंस के कुछ खास रिएक्शन नहीं मिल रहे। लोग कह रहे हैंकि फिल्म अच्छी है। लेकिन अर्जुन कपूर फिल्म में जम नहीं रहे। कई लोग तो कहते नजर आए कि इससे अच्छा तो फिल्म में रणवीर को ले लेते। बता दें, रणवीर सिंह संजय दत्त और अर्जुन के किरदारों की तरह अपनी फिल्म में ये किरदार कर चुके हैं। फिल्म पद्मावत में रणवीर अलाउद्दीन खिलजी बने थे। वहीं रणवीर बाजीराव मस्तानी में बाजीराव पेशवा बने थे।
फिल्म पानीपत को लेकर दूसरे दिन भी माना जा रहा है कि आज फिल्म का कलेक्शन पहले दिन के मुकाबले बेहतर हो सकता है। बता दें, इस फिल्म में संजय दत्त के किरदार और उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया जा रहा है। वहीं अर्जुन की अदाकारी को लेकर ज्यादातर लोग निगेटिव नजर आ रहे हैं।
अर्जुन की फिल्में एक के बाद एक कर लगातार फ्लॉप हो रही हैं ऐसे में क्या पानीपत वह फिल्म है जो अर्जुन के करियर को एक नया आयाम दे पाएगी। हालांकि फिल्म में कलाकारों की काफी तारीफें हो रही हैं। लेकिन अर्जुन की एक्टिंग को लेकर दर्शक अभी भी सवाल उठा रहे हैं।
दर्शक अर्जुन कपूर की पानीपत से बिलकुल भी इंप्रेस नहीं हुए। हालांकि फिल्म में कृति और संजय का काम काफी सराहा गया है। लेकिन अर्जुन की एक्टिंग दर्शकों कुछ खास नहीं भायी। यह फिल्म टोटल 2395 स्क्रीन पर रिलीज की गईथी। उस हिसाब से फिल्म को अच्छी खासी कमाई करनी चाहिए थी। लेकिन फिल्म को दर्शक नहीं मिले। फिल्म पानीपत ने 4 करोड़ 12 लाख रुपए ही कमाए हैं।
अब्दाली के रूप में संजय दत्त की एक्टिंग की खूब तारीफें हो रही हैं। संजय दत्त का लुक भी लोगों को काफी पसंद आयाहै। हालांकि कहा जा रहा है कि ये तो रणवीर सिंह की कॉपी है। लेकिन संजय दत्त खुद को शानदार तरीके से कैरी करते दिख रहे हैं। स्क्रीन पर संजय का रूप ज्यादातर लोगों को बहुत पसंद आया।
इस फिल्म के जरिए पहली बार कृति सेनन और अर्जुन कपूर साथ स्क्रीन परआए हैं। दोनों की स्क्रीन प्रेजेंस अच्छी है। लेकिन कुछ लोगों को ये जोड़ी कुछ खास पसंद नहीं आई। कृति की एक्टिंग को अर्जुन से अच्छा बतायाजा रहा है। अर्जुन को फ्लैट फेस का तमगा दिया जा रहाहै। कुछ लोग इस फिल्म में अर्जुन की एक्टिंग देख उन्हें ट्रोल करने की कोशिशें भी करते नजर आए।
कहानी में सदाशिव राव बने अर्जुन कहीं आगे चलकर पेशवाओं की गद्दी न ले ले इस आशंका से उदगीरी की जीत के बावजूद सेनापति न बनाकर अर्थ मंत्री बनाया जाता है। फिर अब्दाली के खिलाफ युद्ध में बाजीराव के बेटे और कम उम्र के विश्वास राव को सेनापति बनाया जाता है। हालांकि युद्ध की बागडोर सदाशिव राव के जिम्मे रहती है। फिल्म में कृति सेनन, पद्मिनी कोल्हापुरी और जीनथ अमान भी अहम भूमिका में हैं।
दर्शकों को पानीपत फिल्म की लोकेशन और स्क्रीन प्ले काफी पसंद आ रहा है। तो कुछ लोग कह रहे हैं कि फिल्म में पद्मावत और बाजीराव मस्तानी की चीटिंग है। पानीपत के ट्रेलर को देखकर दर्शकों ऐसा फील भले ही आए कि जैसे उन्होंने ऐसे कैरेक्टर पहले पद्मावती औरबाजीराव मस्तानी में देख लिए हों लेकिन बात अगर इस फिल्म को लेकर नएपन की करें तो इसमें सभी लीड किरदारों ने एक दूसरे के साथ पहली बार काम किया है। फिल्म में कृति सेनन और अर्जुन कपूर पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर साथ दिखाई दे रहे हैं। संजय दत्त के साथ भी पहली बार यंग स्टार्स के साथ काम कर रहे हैं।
बॉक्स ऑफिस इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक अर्जुन कपूर की फिल्म 'पानीपत' (Panipat Box Office Collection) ने पहले दिन केवल 3.5 से 4 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। बजट के हिसाब से फिल्म ने काफी कम बिजनेस किया है। फिल्म बनाने में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत लगी है।
क्रिटिक रविंद्र त्रिपाठी के मुताबिक- अर्जुन फिल्म में सदाशिव राव की भूमिका को लार्जर दैन लाइफ नहीं बना पाए है। उनमें कुछ ऐसा है जो किसी चरित्र को ज्यादा उठा नहीं पाता। कृति सैनन में जरूर एक सहजता है। 'पानीपत फिल्म ' की कहानी भी पार्वती के बयान की तरह कही या दिखाई है। हां एक बात और। फिल्म का जज्बाती पक्ष मजबूत है और वही इसकी जान है। ये फिल्म गोवरिकर को फिल्मी कैरियर को संभाल सकती है जो ' मोहन जोदड़ो ' के बाद कुछ झटका खा गई है।
संजय दत्त अब्दाली के किरदार में किसी जानवर से कम नहीं दिख रहे है और अपने रास्ते में आने वाले किसी भी इंसान को नहीं बख्शता, लेकिन जब उसका सामना सदाशिव भाउ से होता है तो उसे एक नई चीज पता चलती है। संजय दत्त के अलावा नजीब के किरदार में मंत्रा ने भी बढ़िया काम किया है।
कृति सेनन इस फिल्म में बेहद खूबसूरत दिख रही हैं। उन्होंने पहली बार पर्दे पर ऐसी भूमिका अदा की है। राजकमारी के रूप में उनका लुक, उनकी अदाएं और उनकी एक्टिंग कमाल की है। कृति अपने हर सीन में अच्छी हैं और उनका अर्जुन कपूर के किरदार सदाशिव के लिए प्यार देखने लायक है। इतना ही नहीं युद्ध में उनकी भागीदारी भी काफी दिलचस्प है।
पानीपत' से बॉलीवुड फिल्म जगत में डेब्यू करने वाले मॉडल व अभिनेता साहिल सलाथिया, गोवारिकर के साथ काम कर रोमांचित हैं। इसके साथ ही अभिनेता का मानना है कि इस तरह की ऐतिहासिक फिल्में आने वाली पीढ़ी को इतिहास के बारे में जानने में मदद करेंगी।
पति पत्नी और वो के अलावा पानीपत के सामने सिनेमाघरों में आयुष्मान खुराना की बाला, अक्षय कुमार की हाउसफुल 4, रितेश देशमुख और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म मरजावां होटल मुंबई, ये साली आशिकी जैसी बड़ी फिल्में मजबूती से खड़ी हैं। बॉक्स ऑफिस पर इनमें से कुछ फिल्में अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं तो कुछ पर अब नई फिल्में रिलीज होने के बाद इफेक्ट पड़ सकता है।
फिल्म पानीपत के जंग के दृश्य कमाल के बताए जा रहे हैं। लेकिन कुछ हेटर्स को ये फिल्म पसंद नहीं आई। ऐसे में अर्जुन कपूर को लेकर लोग कह रहे हैं -'ये वार ड्रामा बेहद लाउड है। मजबूत ताकत और बहादुरी का प्रदर्शन किया गया है। बेटल सीक्वेंस कमाल के हैं।'
संजय दत्त के लुक को पद्मावत के रणवीर सिंह से तुलना की जा रही है। फिल्म पद्मावत में रणवीर अलाउद्दीन खिलजी बने थे। जैसे रणवीर इस फिल्म के लिए लुक लिए हुए थे वैसे ही संजय के लुक को भी सिमिलर कहा जा रहा है। तो वहीं बाजीराव मस्तानी के बाजीराव बने रणवीर की तुलना पानीपत के पेशवा यानी अर्जुन कपूर से हो रही है।
पानीपत की स्टोरी को 3.5 रेटिंग्स मिले हैं। स्क्रीन प्ले को 3.5 रेटिंग्स दिए जा रहे हैं। इसके अलावा स्टार्स की परफॉर्में को भी 3.5 रेटिंग्स दिए जा रहे हैं। आशुतोष के डायरेक्शन को गजब बताया गया है। तो वहीं संजय दत्त की एक्टिंग और उनके लुक की खूब तारीफें हो रही हैं। इस फिल्म को देखना वर्थ बताया जा रहा है।
गुड प्राउड हिस्ट्री: संजय दत्त और अर्जुन के फैंस को ये फिल्म बहुत पसंद आई। इस फिल्म को देख कर लोग कह रहे हैं कि फिल्मको देख कर गर्व का अनुभव हो रहा है।
फिल्म पानीपत को वनवर्ड रिव्यू में एवरेज बताया जा रहा है..
यूजर्स बोल रहे Arjun Kapoor से है जीरो एक्सपेक्टेशन्स... : लोगों का कहना है कि फिल्म पानीपत काफी धकी हुई फिल्म है। फिल्म में कई सारे मराठी एक्टर्स हैं। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि अर्जुन से कोई उम्मीद नहीं है बस बाकी लोगों की अदाकारी देखने जा रहे हैं।
ट्रेड एनेलिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म को मजबूत बताया है। अपने वनवर्ड रिव्यू में फिल्म के लिए ग्रिपिंग शब्द का इस्तेमाल कर इसे साढ़े तीन रेटिंग्स स्टार्स दिए गए हैं।
कई लोग इस फिल्म को देखकर आए तो कहनेलगे कि फिल्म को काफी खींचा गया है। फर्स्ट हाफ ही थोड़ा उबाऊ होने लगता है। हालांकि फिल्म में हर एक्टर के कॉस्ट्यूम लोकेशन काफी अट्रैक्टिव हैं।
अहमद शाह अब्दाली की भूमिका में संजय दत्त दबंग भी लगे है और शरीफ भी। इस अर्थ में कि उनको ज्यादा क्रूर नहीं दिखाया गया है। उनकी बेशभूषा भी जबरदस्त है । निर्देशक गोवारिकर ने उनके लिए जो बख्तर बनवाया है उसका वजन २५ किलो का बताया जा रहा है। ऐसा बख्तर पहनकर उनको अभिनय करने में जरूर थोड़ी असहजता महसूस हुई होगी। फिर भी हर अंदाज में वे नायाब लगे है। वैसे ये फिल्म उनके लिए ये खास महत्व रखती है कि ये उनकी २०० वीं फिल्म है।
...क्रिटिक रवीन्द्र त्रिपाठी
क्रिटिक रविंद्र त्रिपाठी के मुताबिक- गोवारिकर की फिल्म महत्वाकांक्षी फिल्म है। हालांकि इतिहास के साथ उन्होंने कई जगह आज़ादी भी ली है। इसलिए ये उस युद्ध का प्रामाणिक बयान नहीं है। निर्देशकीय कल्पना वास्तविक इतिहास को दबा देती है। वास्तविक इतिहास ये कहता है पानीपत में मराठों की हार की वजह सदाशिव की कमजोर रणनीति भी थी। सदाशिव राव ने उत्तर भारत के कई राजाओं पर भरोसा नहीं किया। जैसे जाटों के राजा सूरजमल पर। उल्टे सूरजमल को गिरफ्तार करने की कोशिश की। पर सदाशिव राव को हीरो बनाने के लिए ये पहलू या तो छिपा दिए गए हैं या उलट पलट दिए गए है। गोवारिकर ने एक पराजय गाथा को शौर्य गाथा बनाने की कोशिश की है। इसमें वे काफी हद तक सफल भी हुए है। उन्होंने इस फिल्म को मराठों की वीरता और स्वाभिमान की तरह बनाया है और साथ ही देशभक्ति का पुट भी डाल दिया है। फिल्म इतिहास से अधिक मराठी कल्पना लगती है।
सदाशिव राव कहीं आगे चलकर पेशवाओं की गद्दी न ले ले इस आशंका से उदगीरी की जीत के बावजूद उस सेनापति न बनाकर अर्थ मंत्री बनाया जाता है फिर अब्दाली के खिलाफ युद्ध में बाजी राव के बेटे और कम उम्र के विश्वास राव को सेनापति बनाया जाता है। हालांकि युद्ध की बागडोर सदाशिव राव के जिम्मे रहती है। सारे फैसले वही करता है।
संजय दत्त ने इसमें अहमद शाह अब्दाली की भूमिका निभाई है। अर्जुन कपूर बने है सदाशिव राव भाऊ। कृति सैनन ने सदाशिव राव की प्रेयसी और पत्नी पार्वती बाई की भूमिका निभाई है। पार्वती बाई पानीपत के युद्ध में शरीक होने अपने पति के साथ जाती है। फिल्म में पेशवाओं के महल की राजनीति भी है।
पानीपत का प्लॉट- ये वह गाथा है जिसका संबंध भारतीय इतिहास के उस दौर से है जिसे ' पानीपत की तीसरी लड़ाई ' के नाम से जाना जाता है। ये लड़ाई हुई थी १७६१ में अफगान आक्रमणकारी और बादशाह अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनानी सदाशिव राव भाऊ के बीच। लड़ाई में मराठों की हार हो गई थी और इसने उनके अखिल भारतीय राज्य के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया था। आज भी ये हार मराठी स्मृति में ' पानीपत झाला' के नाम से जाना जाता है। जब परिवार या समाज में कोई बड़ी गड़बड़ी हो जाती है तो मराठी में आम बोलचाल में कहते हैं ' पानीपत झाला ' हो गया। मराठी में विश्वास पाटिल ने इसी पर आधारित ' पानीपत ' नाम से उपन्यास भी लिखा है। इस फिल्म के रिलीज होने के पहले विश्वास पाटिल और फिल्म निर्माताओं में कानूनी विवाद भी हुआ।
लगान जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले आशुतोष गोवारिकर एक बार फिर मराठाओं की वीरता की कहानी बड़े पर्दे पर लेकर आए हैं। इसमें अर्जुन कपूर (सदाशिवराव भाऊ) अपने चचेरे भाई नानासाहब पेशवा की मराठा आर्मी के कमांडर हैं। इसमें दिखाया जाता है कि निजाम ऑफ उदयगीर को हराने के बाद सदाशिवराव को मराठा सेना प्रमुख चुना जाता है। सदाशिवराव अब दिल्ली में अहमद शाह अब्दाली (संजय दत्त) को हराने के लिए अपनी सेना तैयार करते हैं। संजय दत्त का रोल काफी अहम है इस फिल्म में।
पानीपत की कहानी और संजय लीला भंसाली की कहानी बाजीराव मस्तानी दोनों एक ही इतिहास पर आधारित है। लेकिन भंसाली ने फिल्म में जहां मोहब्बत की कहानी को प्रमुखता से दर्शाया था, वहीं आशुतोष गोवाडिकर ने देशभक्ति को भव्यता और जुनून से बड़े पर्दे पर दिखाया है। इस फिल्म में विकराल एवं भव्य सेट, हैवी कॉस्ट्यूम और अर्जुन कपूर, संजय दत्त और कृति सेनन जैसे बड़े सितारे हैं। लगान की तरह ही गोवाडिकर की इस फिल्म से उम्मीद रखने वाले दर्शकों को निश्चित तौर पर मजा आने वाला है।