बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने फिल्म निर्माता और पूर्व सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी इन दिनों अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। इस इंटरव्यू में उन्होंने गोविंदा के करियर, डेविड धवन, सुनीता आहूजा समेत कई लोगों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि गोविंदा का करियर उनकी संगति की वजह से डूब गया। सिर्फ इतना ही नहीं, पहलाज ने आरोप लगाया कि निर्देशक डेविड धवन ने उनके खिलाफ गोविंदा के दिमाग में जहर भरा। चलिए जानते हैं कि निर्माता ने क्या कहा।
कैसे डूबा गोविंदा का करियर?
विक्की लालवानी से बात करते हुए पहलाज ने कहा, “गोविंदा एक ऑलराउंडर थे। उन्होंने अपने करियर को बहुत अच्छे से संभाला, लेकिन वह लोगों पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं। उनके आस-पास का माहौल अच्छा नहीं है, इसलिए वह भटक जाते हैं। वह पंडितों, ज्योतिषियों की संगति में रहते हैं और उन्हीं की बातों में यकीन करते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में लोग इस तरह की बातों को गंभीरता से नहीं लेते और ये सब बातें उनके करियर के लिए नुकसानदेह है।”
डेविड धवन पर लगाए आरोप
पहलाज ने आगे कहा, “गोविंदा इतने भोले हैं कि ‘पार्टनर’ फिल्म में डेविड धवन चाहते थे कि गोविंदा ही वह किरदार निभाएं, लेकिन बाद में ऐसा दिखाया गया कि डेविड और सलमान ने गोविंदा पर एहसान किया। जबकि असल में वो रोल सिर्फ गोविंदा के लिए ही था। गोविंदा भावुक हो गए और सबको लगा कि उनके ऊपर कोई बहुत बड़ा एहसान हो गया।”
सिर्फ इतना ही नहीं, पहलाज ने डेविड धवन पर गोविंदा के दिमाग में जहर भरने और उन्हें पहलाज के खिलाफ भड़काने का भी आरोप लगाया और खुलासा किया कि इसी वजह से उन्होंने साथ काम करना बंद कर दिया। पहलाज ने कहा, “डेविड धवन ने गोविंदा के दिमाग में मेरे खिलाफ जहर भर दिया था।
डेविड उनसे इसलिए नाराज थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि उन्होंने 1993 में गोविंदा की फिल्म ‘आंखें’ से पैसे कमाए थे।” हालांकि, पहलाज ने तर्क दिया कि वह फिल्म के निर्माता थे और उनकी कहानी पर ही फीचर फिल्म बनाई गई। उन्होंने यह भी बताया कि अनीस बज्मी ने फिल्म के संवाद लिखे और डेविड इसके निर्देशक थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह ‘डमी निर्देशक’ की तरह थे।