सुष्मिता सेन आज अपना 50वां जन्मदिन मना रही हैं। उनकी लाइफ कई लोगों के लिए प्रेरणा रही है। उन्होंने अपने जीवन में वो सब किया जो शायद हर किसी के बस की बात ही नहीं है। फिर चाहे वो सिंगल मदर बनना हो या फिर बिना बेहोश हुए हार्ट की सर्जरी करवाना हो। सुष्मिता भारत की पहली मिस यूनिवर्स रही हैं, लेकिन इससे भी कई बड़ी उपलब्धियां वो हासिल कर चुकी हैं। आज उनके जन्मदिन पर हम आपको उनकी लाइफ के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
सुष्मिता सेन को अपने सफर की शुरुआत में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। यंग उम्र में उन्हें खूबसूरती के मानकों पर खरा उतरने में काफी संघर्ष करना पड़ा और उनके रूप-रंग की आलोचना भी हुई। मिस यूनिवर्स की तैयारी के दौरान भी, अंग्रेजी भाषा कमजोर होने के कारण उन्हें जज किया जाता था। मगर लगन और मेहनत से उन्होंने ना केवल खुद का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया।
सुष्मिता सेन 1994 में सिर्फ 18 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अपनी कम उम्र के बावजूद, उन्होंने अपने आत्मविश्वास, तेज दिमाग और शालीनता से दुनिया को प्रभावित किया। इस जीत ने उनके लिए बॉलीवुड में दरवाजे खोल दिए, फिर भी उन्होंने सिर्फ शोहरत के पीछे भागने के बजाय व्यक्तित्व और आदर्शों पर भी काम किया। उन्होंने दो बच्चियों को एक अच्छी जिंदगी देने का फैसला किया।
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सुष्मिता सेन ने भारत में सिंगल मदरहुड को तब अपना लिया था, जब भारत देश में ऐसा सोचना भी एक बड़ी बात होती थी। उन्होंने 2000 में अपनी पहली बेटी रेनी को गोद लिया और फिर 2010 में अपनी दूसरी बेटी अलीशा को गोद लिया और एक अविवाहित महिला के रूप में कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने कई बार बताया है कि कैसे मदरहुड ने उनके नजरिए को बदल दिया, उन्हें और मजबूत और दयालु बना दिया।
हार्ट अटैक किया सरवाइव
27 फरवरी 2023 को सुष्मिता सेन को हार्ट अटैक आया था। उनकी ये दिक्कत इतनी गंभीर थी कि उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी। हाल ही में सुष्मिता ने बताया कि उन्होंने बिना एनेस्थीसिया के ऑपरेशन करवाया, क्योंकि वो खुद से हारना नहीं चाहती थीं। डॉक्टर भी उनके इस फैसले से हैरान रह गए।
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इसके बारे में बात करते हुए सुष्मिता ने कहा था, “जब आपको दिल का दौरा पड़ता है और आप उस दौरान होश में होते हैं, तो आपको पता चलता है कि आप जिंदगी के दूसरे छोर पर पहुंचने के कितने करीब हैं। एक बार जब आप उस पार पहुंच जाते हैं, तो आपको यह भी पता चलता है कि अब आप कितना पीछे हैं, और आपको फर्क भी पता चलता है। साथ ही, मैं एक ऐसी इंसान बन गई हूं जिसके पास करने के लिए बहुत कुछ है, अपनी पेशेवर जिंदगी को चलाने के साथ-साथ, एक ब्रांड के रूप में सुष्मिता सेन होने के नाते, दो बेटियों की सिंगल मदर होने के नाते – उनकी सुरक्षा और उनके विकास में उनकी भूमिका का ध्यान रखने के साथ-साथ, ज़िंदगी में कई तरह के बदलाव आए हैं और इस बीच मेरे कई रिश्ते भी रहे हैं। अगर आप इन सभी पहलुओं पर गौर करें, तो मैं बस आगे बढ़ना जानती हूं। मेरे हिसाब से, दिल का दौरा पड़ने सहित, सब कुछ थोड़ी देर का है। अगर मैं इससे बच नहीं पाती, तो बताने के लिए कहानी नहीं बचती, लेकिन अगर आप इससे बच गए हैं, तो उस समय जो हुआ उसके बारे में सोचते रहने का कोई मतलब नहीं है।” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
