द मेकिंग आफ द महात्मा’ और संविधान पर 10-भाग की शृंखला बना चुके प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बेनेगल का कहना है कि बायोपिक और वृत्तचित्र बनाते समय उनके दो मंत्र हैं-वस्तुनिष्ठ और सहानुभूतिपूर्ण बनें। बेनेगल ने कहा कि विवाद को भड़काने या प्रचार फिल्म बनाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। वरिष्ठ फिल्मकार ने कहा कि जब आप टकराव का रुख अपनाते हैं तो सब कुछ मुश्किल हो जाता है।
बेनेगल ने मुंबई से फोन पर एक साक्षात्कार में कहा, ‘केवल दो बिंदु हैं। एक, जितना संभव हो सके वस्तुनिष्ठ रहें और दूसरा बिंदु सहानुभूतिपूर्ण होना है। यदि आप वस्तुनिष्ठ नहीं हैं, तो आप पहले से ही कहानी को अपनी विषयवस्तु से रंग रहे हैं। सहानुभूति जरूरी है, ताकि आप विषय के साथ जुड़ सकें।’
बेनेगल (87) अब ‘मुजीब-द मेंकिंग आफ ए नेशन’ पर काम कर रहे हैं, जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बाद में इसके प्रधानमंत्री बने शेख मुजीबुर रहमान के बारे में है, जिनकी 1975 में उनके परिवार के अधिकतर सदस्यों के साथ हत्या कर दी गई थी। सिनेमा में फिक्शन और नान-फिक्शन दोनों में कामयाबी हासिल कर चुके फिल्मकार बेनेगल ने कहा कि फिल्मकारों के लिए वह कहानी बताना मुश्किल नहीं है जो वे चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह हमेशा संभव है, लेकिन सवाल यह है कि आप विषय को कैसे और किस तरह से देखते हैं? यदि आप हर चीज पर टकराव का रुख अपनाते हैं, तो सब कुछ मुश्किल हो जाता है…मुझे विवाद पैदा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे कहानी के केवल मानवीय पक्ष में दिलचस्पी है।’क्या फिल्म निर्माताओं को खुद को अभिव्यक्ता करना मुश्किल लगता है, बेनेगल ने कहा कि कई चीजें हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘(इसमें) राजनीति होगी, सामाजिक दृष्टिकोण होंगे, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण भी होंगे… बहुत सी चीजें हो सकती हैं। लेकिन बात यह है कि मैं एक प्रचार फिल्म नहीं बना रहा हूं।’
कश्मीरी पंडितों के पलायन पर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर बहस के बारे में पूछे जाने पर बेनेगल ने कहा, ‘मैंने फिल्म नहीं देखी है। मैं इसे देखने के लिए उत्सुक हूं।’ ‘मुजीब-द मेकिंग आफ ए नेशन’ राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) और बांग्लादेश फिल्म विकास निगम के बीच तालमेल से बनाई जा रही है। बेनेगल ने कहा, ‘‘मैंने अतीत में भी सह-निर्माण किया है, लेकिन जो तथ्य नया है वह यह है कि हमने ऐसी फिल्म बनाई है जहां पूरी कास्ट बांग्लादेश से है। उनमें निश्चित प्रकार का लगाव और संवेदनशीलता है।

