बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर 10 पार्टियों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा। नरेंद्र मोदी सरकार जो जाति आधारित जनगणना से कदम पीछे खींचती आई है, उस पर सहयोगी पार्टी की तरफ़ से दबाव बढ़ता जा रहा है। नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार की प्रस्तावित मुलाकात को लेकर जाति आधारित जनगणना पर एक बार फ़िर बहस छिड़ गई है।
आज तक के डिबेट शो, ‘हल्ला बोल’ में भी इसी विषय पर डिबेट का आयोजन किया गया जहां बीजेपी विधायक मिथिलेश झा ने कहा कि जनगणना का आधार जाति नहीं बल्कि अमीरी गरीबी होना चाहिए। वो बोले, ‘हमारी स्पष्ट समझ है कि जनगणना अगर हो तो अमीरी और गरीबी के आधार पर हो। जातीय जनगणना समाज को बांटने की साज़िश है। वैदिक संस्कृति में एक ही परिवार में चार वर्ण के लोग होते थे।’
वो आगे बोले, ‘हमारा संदेश पूरे विश्व के लिए तो वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है। जाति में समाज को बांटने का क्या मतलब है? सभी भारत माता के संतान हैं। हमारे पार्टी का स्टैंड है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।’
उनकी इस टिप्पणी पर जेडीयू नेता अभिषेक झा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मिथिलेश जी को एक बार अपने पार्टी आलाकमान से बात कर लेनी चाहिए क्योंकि उनके वरिष्ठ मंत्री भी प्रतिनिधमंडल ने शामिल हैं। मिथिलेश जी को अगर मतभिन्नता है तो उन्हें अपने पार्टी आलाकमान से बात कर लेनी चाहिए।’
उन्हें टोकते हुए बीजेपी विधायक ने कहा, ‘हमारे प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने संसद में कहा कि जनगणना अगर हो तो गरीबी और अमीरी के आधार पर हो। तो मुझे क्यों आलाकमान से बात करने की जरूरत है। शामिल होने जा रहे हैं, वहां जाकर अपनी बात रखेंगे, लेकिन आप परिणाम तो आने दीजिए कि भारतीय जनता पार्टी का क्या स्टैंड है।’
बता दें, नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी से नीतीश सरकार में मंत्री जनक राम शामिल हो रहे हैं।