राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में कथित घोटाले का मामला गरमा गया है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर हमलावर हैं। तो वही ट्रस्ट ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने एक ट्वीट कर ट्रस्ट के महासचिव का बचाव किया। इसके बाद वे ट्रोल्स के निशाने पर आ गए।

दीपक चौरसिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा ‘राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सारा जीवन खपा देने वाले अविवाहित चंपत राय जी एक कमरे के घर में रहते हैं। उनपर पैसे की हेराफेरी का आरोप लग रहा है। साधु शब्द का असल मायनों में कोई जीता जागता पर्याय है तो वे चंपत राय जी हैं। ऊँगली उठाने वालों जान लो इस धर्मात्मा को।’

इस ट्वीट के बाद यूजर्स दीपक चौरसिया से ही सवाल करने लगे। सम्राट सुमन नाम के यूजर ने लिखा ‘दो करोड़ की संपत्ति 10 मिनट में 18 करोड़ की हो गई। इसीलिए कहा गया है राम राम जपना पराया माल अपना’। नवीन कुमार नाम के यूजर ने लिखा ‘आसाराम को भी साधु बोल रहे थे, राम रहीम को भी साधु बोल रहे थे। क्या हुआ?’ इस मामले में रवीश कुमार ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कुछ गड़बड़ नहीं है तो सौदे में शामिल तमाम किरदार मीडिया के सामने क्यों नहीं आ रहे हैं? इस मंदिर का भूमि पूजन सबके सामने हुआ।

महेश मालवीय नाम के यूजर ने लिखा ‘चौरसिया जी, कौन साधु है और कौन स्वादु है, जनता सब जानती है। इस देश में साधुओं की कमी नहीं है और आप जैसे लोग इन साधुओं को बढ़ावा देते है। बाकी आपका काम नहीं है इन आरोपों पर जवाब देना। मामले की जांच होने पर निर्दोष हैं तो बरी होंगे।’

मिलिंद शाह ने लिखा ‘मेरी राय है कि चम्पत रायजी को राम जन्मभूमि ट्रस्ट से इस्तीफ़ा देकर पूरे प्रकरण में इन्क्वायरी की माँग करनी चाहिए। गांधीजी का नाम ज़मीन वाले आरोप में घसीट कर उन्होंने अपने दंभ का परिचय दिया है, ईमानदारी का नहीं।’

क्या है पूरा मामला? राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट ने एक जमीन खरीदी है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि पहले यह जमीन 2 करोड़ रुपए में बेची गई। बाद में इसी जमीन को कुछ मिनट के अंतराल पर ट्रस्ट ने 18 करोड़ में खरीद लिया और पैसे का हेरफेर किया गया। हालांकि ट्रस्ट ने इन आरोपों को नकार दिया है और कहा है कि सर्किल रेट और बाजार मूल्यों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी तरीके से ही जमीन खरीदी गई है।