किसान मुद्दों को लेकर बहस दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। न्यूज 18 इंडिया के लाइव डिबेट शो में अमिश देवगन मुद्दे पर भड़कते दिखे। इस दौरान सपा नेता को भी अमिश देवगन हड़काते नजर आए। अमिश देवगन ने डिबेट में कहा कि नरेंद्र सिंह तौमर ने बार बार सदन में पूछा- इस कानून को लेकर सब बोल रहे काला कानून-काला कानून इस कानून में काला क्या है? अभी तक किसी ने नहीं बताया।

उन्होंने कई बार पूछा लेकिन किसी ने सदन में नहीं बताया। उन्होंने कहा-लोग कह रहे हैं कि हम खून की खेती कर रहे हैं असल में खून की खेती कौन करता है वो सब जानते हैं वो कांग्रेस का कॉपी राइट है। अमिश ने सवाल किया कि क्य आपको लगता नहीं है कि चाहे बेशक किसानों का आंदोलव हो लेकिन अजेंडा खालिस्तानी चल रहा है?

शो में एसपी प्रवक्ता राजकुमार भाटी बोलते हैं- ‘मैं तो माननीय गौरव भाटिया जी से निवेदन करूंगा कि कम से कम उन्हें आपके लिए तो पद्मश्री की सिफारिश तो करनी चाहिए। देवगन जी ने इतनी बड़ी रिसर्च की है, शोध किया है इतने लोग खोजकर के रिपोर्ट लेकर आए हैं। आपने ये तक भी रिसर्च कर लिया कि गोदी मीडिया शब्द भी कहां से चला है? आपको पद्मश्री मिले न मिले लेकिन आप गोदी मीडिया की आंखो के तारे तो बन गए हैं।’

एसपी नेता कहते है- गोदी मीडिया को तो आपको सम्मानित करना ही चाहिए। अरे आपने ये तक रिसर्च कर दी कि इस शब्दकी उत्पत्ति कहां से हुई है। लेकिन गौरव भाटिया आप और केंद्र सरकार ये रिसर्च नहीं कर पाए कि आपको आज तक ये पता नहीं है कि इन कानूनों में काला क्या है? क्या नरेंद्र सिंह तौमर जी को पता नहीं है कि जो खाद्य पदार्थों की सीमा है भंडारण की अगर वो हटा दी जाएगी तो मुनाफा खोर/जमा खोर उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा मुनाफाखोरी करने का।’

बिल को लेकर वह आगे कहते हैं- ‘वह गरीब जनता को भूखा मरने परह विवश कर देंगे? क्या आपने कानून नहीं पढ़ा कि कॉन्ट्रैक्ट खेती होगी, किसान के ऊपर इतनी पाबंदियां हैं कंपनी की कि जो हम बीज देंगे वो आप बोएंगे जो हम खाद देंगे वो आप डालेंगे। जितना पानी हम कहेंगे उतना हम डालेंगे। उनके मुताबिक अगर फसल नहीं हो पाई तो हम अपने कॉन्ट्रैक्ट्स कैंसल कर देंगे। उसमें से एक भी दाना अगर आप घर ले गए तो कंपनी आपको जुर्माना लगाएगी। अगर कंपनी और किसान के बीच विवाद हो गया तो आप हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकते।’

इसके बाद अमिश देवगन एसपी नेता को करारा जवाब देते हैं। वह कहते हैं-‘किसान के पास पूरा राइट है, जो कानून मैंने पढ़ा है, उसमें है। आपको मैं भी एक कागज दिखाता हूं। मुझे नहीं पता भारत की सरकार को मुझे क्या देना चाहिए या नहीं लेकिन एक ज्ञान मैं आपको देना चाहता हूं। हां रिसर्च करनी पड़ती है। जब भारत के अंदर तूफान लाने की तैयारी की जाए तो हां ढूंढके लाना पड़ता है सर। करना पड़ता है सर। जब आर्थिक तौर पर हमें तोड़ने की कोशिश की जाएतो ढूंढके लाना पड़ता है सर।’