अमिश देवगन की लाइव डिबेट में अमिश देवगन ने सीधे-सीधे बीकेयू नेता राकेश टिकैत से सवाल किया कि तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है अब उनकी घरवापसी कब है? उन्हें भी आंदोलन खत्म कर वापस लौट जाना चाहिए। ऐसे में राकेश टिकैत ने कहा कि- -“MSP पर क़ानून भी प्रमुख माँग है।” जब तक इसका समाधान न हो जाए किसान कहीं नहीं जाएगा।

अमिश देवगन ने डिबेट के दौरान राकेश टिकैत से कहा- ‘आंदोलन के दौरान 26 जनवरी की भी घटना हुई। जब कई पुलिसवाले वहां पर हताहत हो गए थे। तो बात तो उनकी भी होनी चाहिए। अगर हम पुरानी बातों को ही घेरकर बैठेंगे तो समस्या का निदान नहीं कर पाएंगे। अब जब प्रधानमंत्री ने एक कदम आगे बढ़ाया। तो आपको नहीं लगता कि समाधान निकलना चाहिए? समाधान इसलिए जरूरी है क्योंकि देश की जनता परेशान हो रही है। आपने उन इलाके के लोगों को लगभग-लगभग बंधक बना रखा है।’

इस पर राकेश टिकैत जवाब देते हैं- ‘अरे हमने तो कल भी चिट्ठी लिखी है इनको। समाधान निकलना चाहिए। बात तो कर लें टेबल पर बैठकर। हमनें सड़कें नहीं बंद की हैं। सड़कें तो खोल दीं।’

अमिश देवगन आगे पराली का जिक्र करते हैं और कहते हैं- ‘आप कह रहे हैं कि पराली जलने पर भी किसी पर केस नहीं होना चाहिए। ये प्रदूषण का सामना तो आप भी कर रहे हैं, मैं भी कर रहा हूं। मेरे बच्चे भी करेंगे, आपके बच्चे भी करेंगे। उसमें किसकी गलती है?’

इस पर राकेश टिकैत कहते हैं- ‘ठीक बात है, आप पराली पर भी सुनलो। आज तक भारत सरकार और साइंटेस्ट क्या कर रहे थे? बगैर पराली के धान कैसे पैदा होगा? ये किसकी गलती है! बगैर मां-बाप के बच्चा कैसे होता है? वो बता दो आप हमको। चावल बढ़िया पैदा होना चाहिए। चावल खाने में अच्छा होगा, लेकिन बगैर पराली के, कैसे?’

अमिश देवगन कहते हैं- ‘राकेश भाई आपने सुविधा के अनुसार उदाहरण दे दिया, आपने बोला- बिनामां-बाप के बच्चा कैसे पैदा होगा? कोई बिना मां-बाप के बच्चे को पैदा करने के लिए नहीं बोल रहा। लेकिन कोई ये भी नहीं कह रहा कि 9 महीने कोख मेंबच्चा रखा जाए वो पैदा हो जाए और फिर 10 वें महीने में फिर बच्चा पैदा हो जाए। ऐसे भी हल नहीं निकल सकता।’

अमिश ने आगे पूछा- ‘पब्लिक आपसे सोशल मीडिया के माध्यम से पूछ रही है कि आप अपना गोल पोस्ट बदल रहे हैं। यानी पहले आप कानून वापस कराना चाहते थे, लेकिन अब आपकी डिमांड बढ़ती जा रही है। ये ऐसी चीज हो गई है, जैसे बच्चे ने एक बड़ा खिलौना मांगा, वो मिलने के बाद वो दूसरे की जिद करे कि इससे काम नहीं चलेगा दूसरा दिलाओ।’

ये सुनते ही राकेश टिकैत भड़कते हुए बोले- ‘आप गलत प्रचार चलाते हो। हमने तब भी कहा था कि 4 डिमांड थी। ध्यान से सुनलो फिर। दो चीजों में सहमती बन गई थी दो चीजें रह गई थीं।’