अमिश देवगन की लाइव डिबेट में अमिश देवगन ने उप-चुनावों में बीजेपी की करारी हार को लेकर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी पर तीखे सवाल दागे। ऐसे में एंकर अमिश देवगन और सुधांशु त्रिवेदी के बीच आपस में तगड़ी बहस देखने को मिली। इस दौरान अमिश देवगन ने पूछा- ‘कुछ पर जीत हुई लेकिन अधिकतर पर हार हुई। उसके बाद से रणदीप सिंह सुजेवाला, प्रियंका चतुर्वेदी, राजीव शुक्ला, संजय राउत हों, तमाम लोग बयान दे रहे हैं और कह रहे हैं कि अब 2024 की तैयारी शुरू करिए। क्या आपको लगता है कि जिस महंगाई को आपने कम करके आंका पब्लिक ने आपको बता दिया वो महंगाई असर डाल रही है। नींद खुल गई?
इस पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- ‘देखिए जो उप-चुनाव होते हैं उसमें स्थानीय मुद्दे भी बहुत प्रभावित होते हैं। अगर आप ओवर ऑल राष्ट्रीय पिक्चर को देखने का प्रयास करें तो जो हमारे विरोधियों का कहना था, हां ये सत्य है कि इस समय पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ी हुई हैं। यह भी सत्य है कुछ महीने पहले कोविड की इतनी भारी लहर आई थी, इसके बावजूद यहां स्थिति है कि हम असम से लेकर मध्यप्रदेश तक और कर्नाटक तक राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीते हैं। तो कहीं न कहीं ये दर्शाता है कि जो ये कहने का प्रयास कर रहे थे कि जो ये लार्जर पिक्चर में पूरे भारत में एक ही ट्रेंड दिखना चाहिए, वो नहीं दिखता।’
सुधांशु ने आगे कहा- ‘एक और बात मैं तथ्य के साथ कहना चाहता हूं। 2019 से चुनावों से पहले जितने उप-चुनाव हुए। 16-17 बार हुए थे, उसमें से 12-13 भाजपा हारी। अजमेर भी हारे थे, गुजरात भी हारे थे। याद करिए गोरखपुर में भी हारे थे।’
सुधांशु त्रिवेदी की ये बात सुन अमिश देवगन बोल पड़े- ‘तो क्या आप हारने को शगुन मान रहे हैं? और महंगाई को मुद्दा नहीं मानते?’ इस पर सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं- ‘मैं दूसरी बात कर रहा हूं, याद करिए उस वक्त क्या चित्र दिखा था विपक्ष का। उनका हवाई जहाज टेक ऑफ किया और फिर क्या हुआ, कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा उसके बाद कोई लैंड ही नहीं कर पाया। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि स्थानीय उप चुनाव के मुद्दे उस पर राष्ट्र मुद्दे का कोई प्रभाव नहीं होता, ऐसा मैं नहीं कहता। परंतु स्थानीय विषयों का प्रभाव अधिक होता है।’
अमिश आगे पूछते हैं- मैं इधर-उधर की बात नहीं कर रहा, सीधा सवाल कर रहा हूं। आपको महंगाई और किसान मुद्दा दिखाई देता है या नहीं दिखाई देता है? सुधांशु मानते हुए कहते हैं- हां मैंने शुरुआत में ही कहा ना पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं। हम ये बात कह तो रहे हैं। पर ये देखिए जब इतने बुरे दौर में बीजेपी का प्रदर्शन ऐसा रहा तो जब स्थिति ठीक हो जाएगी तो फिर कैसा रहेगा।
ऐसे में अमिश कहने लगे- आपने कहा ये बुरा दौर है? सुधांशु कहते हैं- इसमें कोई शक नहीं है। यदि कोरोना का ये दौर था, इतनी बुरी लहर आई। अरे जनाब जब इतने बुरे दौर में इतना बहतर प्रदर्शन है, तो आगे क्या होगा।
अमिश कहने लगे- बंगाल में हारना, राजस्थान में, हिमाचल में हारना बेहतर प्रदर्शन है? आपके सीएम जय राम ठाकुर कह रहे हैं- महंगाई की वजह से हम हार गए। जवाब में बीजेपी प्रवक्ता कहते हैं- जी पहले वाक्य में ही मैंने कहा था। अमिश कहते हैं – जीत के सब साथी, हार का न कोए। हम ये नहीं कह रहे हैं कि बीजेपी की प्रचंड हार हुई है लेकिन हार का आगाज हुआ है।