उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अवैध निर्माण पर लगातार बुलडोजर चलवा रही है। विपक्ष के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी योगी के बुलडोजर एक्शन की आलोचना की है। अब ऐसे में लोक गायिका नेहा सिंह राठौर कैसे पीछे रहें। उन्होंने भी एक बार फिर मौका देखकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया है कि अगर ये विकास है तो विनाश क्या होगा?

नेहा सिंह राठौर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें जंगल में बुलडोजर चल रहा है और पक्षी, जानवर अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। इस तस्वीर के साथ कैप्शन में नेहा ने लिखा, “बुलडोज़र में आंख नहीं होती…दिमाग नहीं होता…सिर्फ पंजे होते हैं। सिर्फ उजाड़ सकता है, बसा नहीं सकता। अब बुलडोज़र बस्तियां और जंगल ही नहीं देश की शांति और सुकून भी खत्म कर रहा है…संविधान और कानून पर भी चल रहा है। आंखें खोलिये और देखिये। अगर यही विकास है तो विनाश क्या है?”

यूजर्स के कमेंट्स

नेहा सिंह राठौर के कमेंट सेक्शन में लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। योगी युगे नाम के यूजर ने लिखा,”बुलडोजर सिर्फ अवैध कब्जों पर चल रहा है। बात-बात पर संविधान की दुहाई देने वाले अवैध कब्जों को जायज ठहराने के लिए इमोशनल कार्ड चल रहे हैं।तत्कालीन सरकारों ने वोट बैंक के चक्कर में अवैध कब्जे करते समय दिमाग को ताक पर रख दिया और आंखें बंद कर ली। इनमें खूनी पंजे की सरकार भी थी। यूनिवर्सिटी से हॉस्टल आते वक्त यह शायद भूल गई कि नई इमारतें बनाने के लिए पुराने सड़े गले कचरे के ढेर साफ करने पड़ते हैं।”

मनीष यादव नाम के यूजर ने लिखा, “आपकी बात सही मायने में आंखें खोलने वाली है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा विकास टिकाऊ है? क्या हम प्रकृति और मानवता के बीच संतुलन बनाए रख रहे हैं? असली विकास वही है, जो पर्यावरण को संरक्षित करे, लोगों को जोड़े, और संविधान के मूल्यों का सम्मान करे। विनाश तब होता है, जब हम इस संतुलन को भूल जाते हैं। जंगल में बुलडोजरों द्वारा पेड़ों को काटा जा रहा है, जिसके कारण हिरण, मोर और अन्य वन्यजीव भाग रहे हैं। यह दृश्य प्रकृति के विनाश और उससे प्रभावित होने वाले जीवों की पीड़ा को दर्शाता है।”

नेहा सिंह राठौर ने योगी सरकार के खिलाफ और भी ट्वीट किए हैं। कुछ समय पहले सीएम योगी ने बयान दिया था कि राजनीति उनके लिए फुलटाइम जॉब नहीं है। वो एक योगी हैं। इसे शेयर करते हुए नेहा सिंह राठौर ने लिखा था, “राजनीति फ़ुल टाइम जॉब नहीं है का क्या मतलब है? क्या मुख्यमंत्री जी पार्ट टाइम जॉब कर रहे हैं? क्या इसीलिए प्रदेश का युवा सड़क पर आ चुका है? या ये “हम तो फकीर हैं जी…झोला उठा कर चल देंगे” का योगी वर्जन है?”