Manto Movie Review and Rating: ‘मंटो’ फिल्म मशहूर लेखक असादत हसन मंटो के जिंदगी पर आधारित फिल्म है। उनकी जिंदगी के उतार-चढ़ाव से लेकर विवाद और खास पलों को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है। कहा जाता है कि लेखकों की लाइफ में एक अजीब सा अकेलापन होता है और उस अकेलेपन की जगह उनकी काल्पनिक कहानियां और किरदारों को मिलती है। ये किरदार कही न कही सच्चाई के भी बेहद करीब होते हैं। लोगों से घिरे होते के बावजूद भी वे अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं। लेखक अपनी असली और रियल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने के लिए भी काफी मशक्कत करते हैं। यही कारण है कि उर्दू के महान कवि और लेखक सआदत हसन मंटो को अपनी काल्पनिक दुनिया रियल दुनिया के तुलना में ज्यादा सच्ची लगी।
नंदिता दास ने ‘मंटो’ की जिंदगी में रियल और काल्पनिक समाज के बीच के अंतर को बड़े परदे पर बखूबी दिखाया है। मंटो की जिंदगी काफी उतार-चढ़ाव भरी रही। उनकी लाइफ में सेंसर का काफी महत्वपूर्ण रोल रहा क्योंकि उनके लिखे लेखों पर सेंसरशिप से लेकर अश्लीलता तक के केस दर्ज हुए। सेंसरशिप मंटो की जिंदगी का एक अहम हिस्सा था जिसका सामना उन्होंने जिंदगी भर किया। अपनी लाइफ किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, कैसी स्थिति रही होगी सभी कुछ बहुत गहराई और खूबसूरती से पेश करने की कोशिश फिल्म की लेखिका और डायरेक्टर नंदिता दास ने की है। फिल्म में भारत-पाक विभाजन, बॉम्बे के लिए प्रेम और पुरूष प्रधान समाज वाली मानसिकता को दर्शकों के लिए खास अंदाज में पेश किया है।
स्टारकास्ट की बात करें तो फिल्म में ‘मंटो’ का रोल नवाजुद्दीन सिद्दकी ने अदा किया है। फिल्म में नवाजुद्दीन के अलावा ताहिर राज, रसिका दुग्गल, ऋषि कपूर, राजश्री देशपांडे, परेश रावल और जावेद अख्तर ने भी अहम किरदार अदा किये हैं। अदाकारी की बात करें तो सभी सितारों ने अपने किरदारों के साथ न्याय करने की कोशिश की है। फिल्म को क्रिटिक्स के अच्छे कमेंट्स मिले हैं। मंटो को पांच में से 3 स्टार्स दिए गए हैं।


