दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक बयानों के चलते सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में वह अपनी ओटीटी पर आने वाली ‘ताज-डिवाइडेड बाय ब्लड’ को लेकर चर्चा में हैं। वह अपनी इस वेब सीरीज के प्रमोशन में व्यस्त हैं और इस दौरान उन्होंने धर्म को लेकर देश में मानी जाने वाली बातों को लेकर काफी कुछ कहा है।
एक्टर ने द क्विंट को दिए इंटरव्यू में कहा,”मीडिया का एक वर्ग देश में नफरत को “ट्रिगर” करता है। “जो लोग धर्म में विश्वास करते हैं, वे उन लोगों से बहुत अधिक हैं जो ये सब नहीं मानते। आप विश्वास के साथ बहस नहीं कर सकते। मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जो मेरे दोस्त हैं जो दावा करते हैं कि मेरे समुदाय के सभी लोग यहां रहने के लायक नहीं हैं।”
मानव अच्छाई है जरूरी
शाह ने कहा कि ऐसा कहने वाले लोग अब भी उनके दोस्त हैं। ये लोग अभी भी मेरे मित्र हैं, क्योंकि मैं जानता हूं कि वे इसे अपने राजनीतिक अनुभव से कह रहे हैं, वे जीत की ओर रहना चाहते हैं। मैं इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेता, हालांकि मैंने खुद को किसी विशेष समुदाय का नहीं माना है। मैं धर्म के विचार की सदस्यता नहीं लेता हूं। मुझे सहज मानव अच्छाई में विश्वास है।”
मुगलों पर दिया था ये बयान
शाह ने हाल ही में मुगलों पर बयान दिया था, जिसे लेकर वह काफी चर्चा में रहे। शाह ने कहा था कि “ऐसा सोचना कि मुगल में केवल बुराई थी, ये देश के इतिहास की समझ की कमी को दर्शाता है। हो सकता है कि इतिहास की किताबें भारत की स्वदेशी संस्कृति की कीमत पर मुगलों के महिमामंडन की हद तक बहुत दयालु थीं, लेकिन इतिहास में उनके समय को विनाशकारी के रूप में खारिज नहीं किया जाना चाहिए। अगर मुगल साम्राज्य इतना ही खराब था तो इसका विरोध करने वाले उनकी बनाई गए स्मारकों को गिरा क्यों नहीं देते।”
एक्टिंग करियर की बात करें तो शाह ने कहा कि ताज – डिवाइडेड बाय ब्लड शायद उनकी आखिरी लंबी अभिनय भूमिका है। “मैंने अपने द्वारा किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स की संख्या में कटौती की है। अकबर शायद आखिरी लंबा रोल है, जिसे मैं निभाऊंगा क्योंकि मैं थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा हूं।”