नसीरुद्दीन शाह का हिंदी सिनेमा में बड़ा योगदान रहा है। वह अपनी एक्टिंग और काम के अलावा बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों में मेल एक्टर्स को ग्लोरिफाई किया जाता है। इसके साथ ही नसीर ने कहा ‘आरआरआर’ और ‘पुष्पा’ जैसी मेनस्ट्रीम ब्लॉकबस्टर फिल्में देखना उन्हें मुश्किल लगता था।
यूट्यूब चैनल We Are Yuvaa को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने अपने विचार खुलकर रखे। उनसे शाहिद कपूर की फिल्म ‘कबीर सिंह’ की सफलता को लेकर बात की। इसपर उन्होंने कहा, “आदमियों में इंसिक्योरिटी बढ़ती जा रही है। इसीलिए अति-पुरुषत्व पर और भी अधिक जोर दिया जा रहा है। सभी सुपरहीरो अब अमेरिका में, यह मार्वल यूनिवर्स फल-फूल रहा है, और यह यहां भी हो रहा है। लेकिन इसके साथ-साथ, ए वेडनसडे जैसी फिल्में भी सफल होती हैं, जिनमें अतिपुरुषवादी नायक नहीं होता। माना कि उस फिल्म का आधार पूरी तरह से असंभव है। तो वो किरदार कहीं न कहीं हीरो की कैटेगरी में आता है क्योंकि वो जो करता है वो किसी के लिए भी करना संभव नहीं है।”
शाह ने अनुराग कश्यप की फिल्मों के बारे में भी बात की। उन्होंने आगे कहा,”अनुराग द्वारा बनाई गई छोटी फिल्मों की स्वीकार्यता, जैसे ‘रामप्रसाद की तेरहवीं’, जैसे ‘गुलमोहर’ मुझे लगता है कि इस तरह की संवेदनशील फिल्मों को भी अपनी जगह मिलेगी।”
‘आरआरआर’ और ‘पुष्पा’ के लिए कही ये बात
कुछ ब्लॉकबस्टर फिल्में जैसे RRR और ‘पुष्पा’ के बारे में बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा, “मुझे पूरा यकीन है क्योंकि मुझे युवा पीढ़ी पर बहुत भरोसा है और मुझे लगता है कि वे हमारी तुलना में कहीं अधिक विकसित, कहीं अधिक जानकारीपूर्ण और कहीं अधिक समझदार हैं। मैं सोच भी नहीं सकता कि ऐसी फिल्में देखने से रोमांच के अलावा और क्या मिलता है। मैंने ‘आरआरआर’ देखने की कोशिश की, लेकिन नहीं देख सका। मैंने ‘पुष्पा’ को देखने की कोशिश की, लेकिन मैं देख नहीं सका।”
शाह ने आगे कहा, “हालांकि मैंने मणिरत्नम की एक फिल्म पूरी देखी, क्योंकि वह बहुत सक्षम फिल्म निर्माता हैं और उनके पास कोई एजेंडा नहीं है। और मैं रोमांच के अलावा या आपके अंदर छिपी भावनाओं को पोषित करने के अलावा कुछ भी कल्पना नहीं कर सकता। देखने के बाद अक्सर एक खुशी का एहसास होता है जो कई दिनों तक बना रहता है। मैं कल्पना नहीं कर सकता। मैं ऐसी फिल्में (RRR और Pushpa) देखूंगा कभी ना जाऊं।”
आपको बता दें कि इससे पहले नसीरुद्दीन शाह ने ‘गदर’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ समेत ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि इस तरह की फिल्में परेशानी खड़ी करती हैं।