1982 में आई फिल्म ‘नदिया के पार’ फेम एक्ट्रेस सविता बजाज तंगहाली से गुजर रही हैं। कुछ महीनों पहले उन्हें कोविड हुआ था जिसमें उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। कोविड के बाद होने वाली परेशानियों से जूझ रहीं सविता की हालत बेहद खराब है और वो अकेले किराए के घर में रहने को मजबूर थीं। हालांकि अभिनेत्री नुपुर अलंकार ने उनकी मदद की है और अब सविता उनकी बहन जिज्ञासा के कांदिवली स्थित घर में रह रही हैं। उनके किसी रिश्तेदार ने उनकी कोई मदद नहीं की लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से सोनू सूद, ‘नदिया के पार’ में उनके सह-कलाकार सचिन पिलगांवकर, जैकी श्रॉफ, आयुष्मान खुराना आदि ने उनकी मदद की है।

सविता बजाज ने हाल ही में एबीपी न्यूज़ से बातचीत की है जिसमें उन्होंने अपनी बीमारी और अकेलेपन पर बात की। अपने परिवार वालों की बात करते हुए उन्होंने बताया, ‘पहले सब आते थे मेरे पास लेकिन जब उन्हें पता लगा कि मेरी उमर हो रही है, बूढ़ी हो रही हूं तो कोई सामने नहीं आया, सब पीछे हट गए।’

उन्होंने बताया कि उनके कई अमीर रिश्तेदार हैं लेकिन उनकी हालत पर कोई उनके साथ नहीं खड़ा हुआ। सविता बजाज के पास अपना कोई घर नहीं है और वो किराए के मकान में रह रही थीं।

बीमारी में फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने उनकी काफी मदद की है, जिस पर वो कहती हैं, ‘इंडस्ट्री वाले बहुत अच्छे हैं। सोनू सूद ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मशीन दी है। आयुष्मान खुराना ने मेरी बहुत मदद की, जैकी जी ने मेरी बहुत मदद की। और भी लोगों ने मदद की। सचिन पिलगांवकर ने मदद की।’

 

सविता बजाज ने नदिया के पार के अलावा आनंद, चक्र, रॉकी, निशांत, आहिस्ता आहिस्ता आदि फिल्मों में काम किया। हाल ही में अभिनेत्री ने यह भी कहा था कि 25 साल पहले उन्होंने अपने दिल्ली स्थित घर जाने की सोची थी लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने उनका साथ नहीं दिया जिस कारण उन्हें काफी दिक्कत हुई।

उन्होंने बताया था, ‘मैंने बहुत कमाया, उन्हें जरूरत के समय मदद की लेकिन जब मुझे मदद की जरूरत है कोई सामने नहीं आया। मेरी सभी जमा पूंजी खत्म हो गई है, बीमारी में सब खत्म हो गया। सांस लेने में तकलीफ है, जाने कैसे इन सबसे बाहर निकलूंगी।’